सुप्रीमकोर्ट कोर्ट ने बिल्किस बानो के बलात्कारियों की सजा को कायम किया

सुप्रीमकोर्ट कोर्ट ने बिल्किस बानो के बलात्कारियों की सजा को कायम किया

आलेख – प्रभुराज नारायण राव

 

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के बिल्किस बानो के साथ बलात्कार करने वाले 11बलात्कारियों के रिहाई को रद्द करते हुए , उन बलात्कारियों की सजा को बरकरार रखने का आदेश दिया है । सुप्रीमकोर्ट ने दो सप्ताह के अन्दर सभी बलात्कारियों को जेल देने को कहा है। पिछले दिनों गुजरात सरकार ने बलात्कारियों को बरी कर दिया था। जेल से रिहा होने के बाद बलात्कारियों को भाजपा के कार्यालय में महिमा मंडित किया गया था ।मिठाइयां खिलाई गई और फूल का माला भी पहनाए गए थे । भारतीय जनता पार्टी की यह घृणित कारवाई निश्चित रूप से भारतीय समाज और संस्कृति को तार-तार करने वाली घटना थी ।

आज सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के आदेश पर बलात्कारियों की रिहाई को खारिज करते हुए दो सप्ताह के अंदर में सभी बलात्कारियों को जेल में भेजने का आदेश दिया है । सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश स्वागत योग है । क्योंकि आज देश में भाजपा और नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार धर्म के आधार पर बलात्कारी और अपराधियों को दोष मुक्त कर रही है। मणिपुर के दो महिलाओं के साथ मैतई समुदाय , जिस समुदाय के भाजपा के मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह हैं , के लोगों ने कुकी समुदाय के दो महिलाओं को नंगा करके सड़कों पर घुमाया , सरेयाम बलात्कार करके हत्या करने वाले सब भाजपा से जुड़े हुए लोग थे और उनको बचाने का काम मणिपुर की

भाजपा सरकार ही कर रही है ।

जिस तरीके से देश की महिला पहलवानों ने अपनी तन्मयता और राष्ट्रभक्ति के बल पर देश के ताज को ऊंचा उठाये रखा है । कई पहलवानों ने गोल्ड मेडल जीतकर देश के शान को बढ़ाया है। वैसे महिला पहलवानों के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार करने वाले अखिल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तथा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया और कुश्ती संघ के अगले सत्र के लिए उसके खासम खास चेला संजय सिंह को कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाना और फिर बृजभूषण शरण सिंह का यह कहना की कुश्ती संघ पर हमारा दबदबा था ,है , तथा बना रहेगा और उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुप्पी । यह देश को शर्मसार किया है ।

इससे दुखित और पीड़ित महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती से सन्यास ले लेने की घोषणा कर दी। तब संजय सिंह को हटाने का नाटक किया गया। महिला पहलवानो ने अपने जीते हुए गोल्ड मेडल ,भारत रत्न जैसे पुरस्कारों को प्रधानमंत्री के निवास के सामने रख दिया और कुश्ती से सन्यास ले लेने की घोषणा कर दी।

ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश भारतीय संविधान और लोकतंत्र पर आस्था रखने वाले, न्यायपालिका पर भरोसा करने वाले लोगों के मनोबल को जगाया है ।इतना ही नहीं हमारी भारतीय संस्कृति हमारी , सभ्यता , अनेकता में एकता जो हमारी विशेषता है और धर्मनिरपेक्षता को मजबूती प्रदान किया है। साथ ही सांप्रदायिक उन्माद फैलाने वाले , देश के अंदर नफरतों का बीज बोने वाले, धर्म के आधार पर चीजों को देखने वाली मोदी सरकार की फासीवादी चरित्र को कारारा तमाचा दिया है।

Related Articles

Back to top button