अब किसको किसको कहें पलटू राम

अब किसको किसको कहें पलटू राम

आलेख – आर के राय

जे टी न्यूज
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पाला बदलने का देश में एक रिकॉर्ड कायम किया है ।इसके पहले भी बहुत तेरे पाला बदलते रहे हैं। जिसमें हरियाणा के भजन लाल का नाम ऊपर रहता था । लेकिन 9 बार लगातार मुख्यमंत्री बने रहने का सिलसिला जो कायम हुआ है। वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम ही जाता है । नीतीश कुमार 2023 में दो बार और 24 में एक बार कुल तीन बार पाला बदलकर मुख्यमंत्री बनते रहे हैं ।
नीतीश कुमार का राजनीतिक चरित्र छात्र आंदोलन के समय जो था । वह चुनाव जीतने के बाद लगातार बदलते रहा । यह समाजवादी विचारधारा से जुड़े हुए कहलाते हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी जैसी सांप्रदायिक दल के साथ हमेशा अमिट रिश्ता बनाए रखते हैं । इनका आदर्श राम मनोहर लोहिया या कर्पूरी जी नहीं । इनके आदर्श हमेशा अटल बिहारी वाजपेई नजर आते हैं ।


नीतीश कुमार ने अबकी बार जो राष्ट्रीय जनता दल यानी महागठबंधन से पाला बदल कर फिर भारतीय जनता पार्टी के आगोश में आए हैं ।इसके पीछे एक बहुत बड़ा कारण डर रहा है । क्योंकि सृजन घोटाला हो या बिहार में 2005 से 2023 तक अनेक घोटाले उनके शासनकाल में हुए हैं और भ्रष्टाचार में इनके अनेक मंत्री नजर आ रहे हैं। फिर भी यह सिलसिला चलता रहा।
लेकिन जब नीतीश कुमार देश के सारी विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास करना शुरू किया और 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नित मोदी सरकार को गद्दी से उतारने का मुहिम की शुरुआत की । तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भयभीत हो गए और उनके पास नीतीश कुमार के खिलाफ ईडी को बैठाने के अलावे दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आया । तब ईडी ने जब इनके खासम खास लोगों पर नोटिस देना शुरू कर दिया । तो इन्होंने कहा कि मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं । जिसको जो करना है कर ले । लेकिन जब इनके विधान पार्षद राधा चरण सेठ के घर छापामारी हुआ और उसके बाद गिरफ्तारी हुई । जब इनके विजय कुमार चौधरी के संबंधी अजय सिंह उर्फ कारों सिंह पर ईडी का नोटिस गया । इनके एक और प्रिय गब्बु सिंह के यहां छापेमारी हुई। इनके करीबी पदाधिकारियों पर ईडी मडराने लगे । तो अपनो को बचाने के लिए नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ने लगा और मोदी के गोद में बैठने के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं था। जो नीतीश कुमार मरते दम तक भाजपा में नहीं जाने की कसमें खाई थी।


दूसरा पलटू राम अमित शाह दिखे। जिसने यह कहा था कि भाजपा के दरवाजे नीतीश कुमार के लिए हमेशा के लिए बंद हो गए। लेकिन अपने जुबां से पलट गए। इनका भी पलटने का मुख्य कारण सत्ता की लालच ही थी।
तीसरा पलटू राम भाजपा बिहार अध्यक्ष सम्राट चौधरी है। जिन्होंने यह कहा था कि जब तक नीतीश कुमार को बिहार की गद्दी से नहीं उतार देंगे। तब तक अपनी साफा (पगड़ी) नहीं उतारूंगा। लेकिन स्वार्थ के थपेड़े ऐसे निकले की पलटू राम के नीचे का पलटू राम बन गए।

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