*अब तो यह स्पष्ट है,नरेंद्र मोदी भ्रष्ट है*

*अब तो यह स्पष्ट है,नरेंद्र मोदी भ्रष्ट है*


आलेख प्रभुराज नारायण राव
आज केंद्र की मोदी सरकार पूरे विपक्ष को सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके समाप्त कर देना चाहती है। मोदी जी अपने खिलाफ किसी प्रकार की आवाज सुनना नहीं चाहते हैं। लेकिन जो लोकतांत्रिक तरीके से सरकार की खामियों को उजागर करना चाहते हैं। तो मोदी जी झट उनके यहां ई डी, सी बी आई, इनकम टैक्स के अधिकारियों को भेज कर छापेमारी कर, उनको भ्रष्टाचारी बता कर, गिरफ्तारी का वारंट भेज दिया जाता है। जो डर जाता है ,वह भाजपा में शामिल होकर उसके वाशिंग मशीन से धुलकर ईमानदार हो जाता है। उनको सरकारी तंत्रों से मुक्ति मिल जाती है।लेकिन जो ऐसा नहीं करते । जो मोदी सरकार की खामियों को उजागर करते हैं। जो सांप्रदायिक और कारपोरेट घरानों की सरकार को समाप्त कर लूट का राज समाप्त करना चाहते हैं।उनको जेलों में बंद कर उनकी आवाज को कुचल देना चाहते हैं।यानी की मोदी सरकार देश में विपक्ष विहीन सरकारb चाहती हैं।


आज पूरी दुनिया जान गई है कि भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी है । वह कारपोरेट जगत के तमाम लोगों से पैसे वसूलकर देश की सारी संपत्ति को उनके हवाले करने का रिकॉर्ड बनाया है ।देश की सार्वजनिक संपत्ति रेल, बीएसएनल, हवाई जहाज यहां तक की तमाम कोल खदानों को भी देश के लुटेरों को दे दिया है। चुनावी बांड जो भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी किया गया है । उसका 50% यानी 9 हजार करोड़ रुपए अकेले भाजपा के खाते में आया है । चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले लोगों की पहचान बहुत मशक्कत के बाद सुप्रीम कोर्ट के फटकार के द्वारा आम जनता के सामने आया है । इससे यह स्पष्ट हो गया है कि चंदा दो , धंधा लो की योजना के तहत देश के लुटेरों से पैसे लिए गए ।100 करोड़ रूपया जिस दवा कंपनी ने दिया उसको 14 हजार करोड़ रूपया का ठीक दिया गया। इस तरह के हजारों घटनाएं हैं। जो स्पष्ट रूप में दर्शाती है कि नरेंद्र मोदी को देश से मोहब्बत नहीं है। उनका देश भक्ति धोखा है। क्योंकि देश की शासन का बागडोर अपनी हाथ में रखने के लिए वह कुछ भी कर रहे हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों आम जनता की गाढ़ी कमाई, जो बैंकों में था। उसे देश के कॉर्पोरेट लुटेरे नीरव मोदी ,ललित मोदी, मेहुल चौकसी ,विजय माल्या जैसे सैकड़ो देश के गद्दारों को पैसे दिला कर, बैंक द्वारा उनको गिरफ्तार करने की वारंट के बाद भी सही सलामत से उन लुटेरों को विदेश भेजने में किसी प्रकार की कोताही नहीं की। इतना ही नहीं अडानी को बैकों द्वारा दिए गए 14 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिया।

इसके एवज में कितने रुपए प्रधानमंत्री को हिस्से में मिला । यह अंदाजा किया जा सकता है।
कुछ इसी तरह की बातें 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी की थी। उन्होंने भी पूरे विपक्ष को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। जयप्रकाश नारायण ,माकपा के लोक सभा के नेता ए के गोपालन, जार्ज फर्नांडिस,अटल बिहारी बाजपेई, राज नारायण,मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद, शरद यादव सहित एक लाख 40 हजार आंदोलनकारियों को जेल में डाल दिया था।जिसमें से एक मैं भी था।
मोदी जी ने आज देश में घोषित आपातकाल कायम कर दिया है।इंदिरा गांधी के अधिनायकवाद के स्थान पर देश फासीवाद की ओर बढ़ रहा है। मजहबी उन्माद खड़ा कर लोगों को बांटा जा रहा है। भारतीय संविधान की आत्मा के साथ खिलवाड़ कर देश में सी ए ए कानून को लागू कर दिया गया है ।धर्म के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कार्य कर रहे हैं । धार्मिक गुरुओं , शंकराचार्य को दरकिनार कर अपने पाखंड से सराबोर होकर धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ा रहे हैं । इस तरीके से देश में हिंदुत्व की भावनाओं को हवा देकर एक बार फिर देश की सत्ता हथियाना चाह रहे हैं।


लेकिन मोदी जी अघोषित आपातकाल लागू कर आक्रोशित जुबानों पर तो ताला लगाया जा सकता है। पुलिस के बल पर आंदोलनकारियों को जेल के हवाले किया जा सकता है। आपने तो दो मुख्यमंत्री को जेल भेज कर अपनी फासीवादी प्रवृत्ति का इजहार तो कर दिया है ।लेकिन इसके दुष्परिणाम को झेलने के लिए तैयार भी रहना होगा। क्योंकि इतिहास बतलाता है कि फासीवाद कायम करने वाले दुनिया के सभी तानाशाहों का नाश हुआ है।

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