राजद का पूर्णियां सीट पर बीमा भारती को टिकट नेतृत्व का सही निर्णय: मेदनी कृष्ण उर्फ टीपू यादव

राजद का पूर्णियां सीट पर बीमा भारती को टिकट नेतृत्व का सही निर्णय: मेदनी कृष्ण उर्फ टीपू यादव


जे टी न्यूज़, अररिया : पूर्णिया लोकसभा प्रत्याशी प्रकरण में लालू प्रसाद यादव औऱ तेजस्वी को कोसने वाले हद हैं।पप्पू यादव ने राजद ज्वाइन नहीं किए हैं, वे कांग्रेस में हैं, औऱ कांग्रेस महागठबंधन के अंतर्गत जो सीट लेगी, वहाँ अपना उम्मीदवार देगी ना। पप्पू यादव जी ज़ब लालू जी से मिलने गए थे तो उन्हें राजद ज्वाइन करने के लिए कहा गया था। लेकिन वे जाकर कांग्रेस ज्वाइन कर आये तो भाई आप अपने कोटे के सीट पर ही दावा करोगे ना। अगर वे राजद ज्वाइन करते औऱ तब उन्हें राजद अपने कोटे की सीट पूर्णिया से नहीं लड़ाती तब हम राजद शीर्ष नेतृत्व को दोषी मानते। गठबंधन की राजनीति में कई धुरंधर अपने वांछित सीट से नहीं लड़ पाते हैं, पप्पू यादव कोई पहला उदाहरण नहीं है। सिर्फ सिक्के के एक पहलु को ना देखें। राजद के प्रदेश सचिव युवा दिलों के धड़कन मेदनी कृष्ण उर्फ टीपू यादव ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पप्पू यादव ने लालू जी के लिए क्या किया है, लालू जी औऱ राजद ज़ब बुरे दौर से गुजर रही थी औऱ जेल में बंद लालू प्रसाद यादव जब राजद को पुर्नस्थापित करने के जद्दोजहद में लगे थे औऱ अपने पुत्र द्वय को पहली बार चुनावी मैदान में उतारे थे तो यही पप्पू यादव थे जो भाजपाई थैली के आगोस में आकर लालू परिवार को भरपेट गरियाते थे, राजद को हराने के लिए हर जगह अपना उम्मीदवार दीये थे। पप्पू यादव ज़ब एकबार राजनैतिक हासिये पर चले गए थे तो यही लालू यादव उन्हें अपना सीट खाली कर मधेपुरा से सांसद बनाया था औऱ सांसद बनते ही लालू जी के विरोध में इनका बयानबाजी शुरू हो गया था। इनके व्यवहार, विचार से आहत हो इन्हें राजद से निष्कासित किया गया था। लेकिन ज़ब पप्पू यादव इनके आवास पर मिलने गए तो लालू जी ने बड़ा दिल दिखाते हुए पुनः उनका स्वागत राजद परिवार में करने का अस्वासन दिया।

लेकिन धोखा पुनः पप्पू यादव ने दिया औऱ रातों रात जाकर कॉंग्रेस ज्वाइन कर आये, तो वे किस हैसियत से लालू जी से सीट मांग रहे हैं। यह कतई राजद का मामला नहीं है, यह कांग्रेस औऱ पप्पू यादव का मामला है। रही बात बीमा भारती की तो वे पूर्णिया की हक़दार थी। उन्होंने लालू जी को वचन दिया तो अपने पति और बेटे के गिरफ्तारी के बाबजूद अपने वचन पर अडिग रही। जब वो हद के बाहर जाकर अपना वचन निभा सकती है तो लालू जी औऱ तेजस्वी जी अपने वचन से एक ऐसे आदमी के लिए क्यों भटकते, जिन्होंने लालू परिवार को सिर्फ जख्म ही दिया है मैं औऱ सभी राजद कार्यकर्ता राजद के इस निर्णय का तहे दिल से समर्थन करते हैं।

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