आचार संहिता के बाद भी टी वी चैनलों पर हिंदू मुस्लिम खेल चुनाव आयोग मौन

आचार संहिता के बाद भी टी वी चैनलों पर हिंदू मुस्लिम खेल चुनाव आयोग मौन

आलेख – प्रभुराज नारायण राव

जे टी न्यूज
लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है ।चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता भी लागू कर दिया गया है । चुनाव आयोग ने इस चुनाव के लिए अनेक सुझाव और निर्देश भी दिए हैं ।निर्देशों के विरुद्ध ,संविधान के विरुद्ध कोई बोलता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की बात मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार जी करते हैं। आज देश में चुनाव धर्म के आधार पर लड़ने का मन भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बना लिया है । उनका साथ देने के लिए नए तरीके से देश के कारपोरेट जगत भी अपने गोदी मीडिया के माध्यम से नरेंद्र मोदी को एक बार फिर जीताने के प्रयास में लगे हुए हैं ।उनका अलग से हेलीकॉप्टर देश के विभिन्न इलाकों में जा रहा है और गोदी मीडिया के पत्रकारों को जहां पहुंचना है। भाजपा के लोगों को पहले से सूचित कर भाजपा कार्यकर्ताओं को पहले से बैठा कर रखा जाता है । वहां हेलीकॉप्टर से उतरकर गोदी मीडिया पत्रकार इस चुनाव में उन लोगों का विचार जानना चाहता है ।जो गोदी मीडिया को पहले से मालूम है कि यह सारे के सारे लोग भाजपा या नरेंद्र मोदी के हैं और उन्हीं को जिताने की बात भी करते हैं। अपने माध्यम से आज तक जैसे अन्य प्रकार टी वी चैनल नित्य दिन चुनावी दौरा कर रहे हैं। वे जनता की धार्मिक भावनाओं को उभारने का भी काम कर रहे हैं। वे हिंदू मुस्लिम साम्प्रदायिकता को सुलगाने या नफरती बयार को हवा देने में कहीं पीछे नहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 साल के शासनकाल ने देश में एक नई परिपाटी को जन्म दिया है। वह कारपोरेट जगत है। जिसे मोदी सरकार को भरपूर सहयोग है और वह भी मोदी और उनकी सरकार को बरकरार रखने में कोई कोर कसर नहीं रखना चाहते हैं।यानी इन दोनों की मिली भगत से देश चल रहा है। देश की सारी सार्वजनिक संपत्ति कॉर्पोरेट के हाथों बेंच दी गई है । देश के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर कॉर्पोरेट का जबरदस्त पहरा है । हिंदी अखबारों पर भी उतनी ही पकड़ है । यही कारण है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया जिसका मकसद जनता की हित के लिए जनता की समस्याओं को सरकार के सामने रखने ,उनके मंत्री सांसद और विधायकों के सामने रखने का परंपरा रही है ।लेकिन आज वहां भी सारी चीज बदल चुकी है ।अब तो नरेंद्र मोदी की सरकार के पक्ष में हथियार लेकर पत्रकार खड़े हैं और विपक्ष के लोगों पर देश की नाकामियों का सारा जवाबदेही डाल देने में कोई कोर कसर नहीं रखते हैं।

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से हम पूछना चाहते हैं की जब देश का मीडिया चाहे जो भी टीवी चैनल धर्म के नाम पर इस चुनावी आचार संहिता के दौर में बहस चलता है और धार्मिक नेताओं या राजनीतिक नेताओं के माध्यम से एक धर्म को दूसरे धर्म यानी स्पष्ट कहा जाए तो हिंदू धर्म और हिंदू राष्ट्रवाद को प्राथमिकता देते हुए अन्य अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले बोला जा रहा है टीवी चैनलों पर जय श्री राम बजरंगबली शंकर भगवान का नाम लेना चुनाव में कोई गुनाह नजर नहीं आता । मुस्लिम घुसपैठियों को नागरिकता नहीं देने या देश से निकाल देने जैसी बातें भी हो रही है। प्रधानमंत्री द्वारा यह कहना कि देश के गरीबों का हक ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले मुसलमानों को दे देना कहां का न्याय है। ऐसे भड़काऊ और उन्मादी बातों में चुनाव आयुक्त को कुछ भी आपत्ति जनक नजर नहीं आता।
लेकिन अल्पसंख्यक जनता के लिए सुविधा देने की बात कोई विपक्ष का दल करता है ,तो उसमें उन्हें तुष्टीकरण नजर आता है और इस तरीके से हिंदू और मुसलमानो को आमने-सामने खड़ा करने का काम किया जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारा देश लोकतांत्रिक तथा धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां सभी धर्म का संभाव समाहित है ।तो ठीक दूसरी तरफ संविधान में राजनीति से धर्म को निरपेक्ष करके देखा गया है ।मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय हमें पता है कि संविधान में संशोधन करके देश के प्रधानमंत्री ने तीन सदस्यीय कमेटी चुनाव आयोग के गठन के लिए बनायी गई।जो कमेटी बनाई गई उसमें स्वयं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की कमेटी में बहुमत प्रधानमंत्री की राही और उसे कमेटी के द्वारा आपको मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया गया ऐसी स्थिति में आपकी जवाब दे ही और ज्यादा बढ़ जाती है की चुनाव आयोग एक स्वतंत्र ऑटोनॉमस बॉडी है तो उसकी स्वतंत्रता बरकरार रहनी चाहिए लेकिन राजनीति में धर्म का इस्तेमाल करने वाले भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जय श्री राम बजरंग दल भोले शंकर के नाम पर चुनाव में खुलेआम वोट मांगते हैं तो उन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे जब जय भवानी की नारा देते हैं तो उन पर आप के द्वारा चुनाव आयोग की अवहेलना की नोटिस दी जाती है देश की जनता के निगाह में यह आपके द्वारा एक पक्षीय करवाई नजर आ रही है इसलिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव वर्मा जी से आग्रह है की पिछले दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में देश में एक आदर्श रहे के जे राव, टी एन सेशन जैसी निरपेक्ष भूमिका अदा करें। ताकि इतिहास के पन्नों में चुनाव आयोग दागदार नजर नहीं आवे।

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