सर्पदंश से हो सकती है मौत : उपायुक्त

सर्पदंश से बचने हेतु प्रशासन ने की अपील

सर्पदंश से हो सकती है मौत : उपायुक्त

सर्पदंश से बचने हेतु प्रशासन ने की अपील

जे टी न्यूज साहिबगंज(संजय कुमार धीरज) :– स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के आलोक में उपायुक्त हेमंत सती ने बताया कि सर्पदंश को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल किया गया है। सर्पदंश से बचाव के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने आमजन से सर्पदंश से बचने के उपाय करने पर जोर दिया।
उपायुक्त ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सर्पदंश एक गंभीर आपदा के रूप में सामने आई है। इसके चलते सर्पदंश को आपदा के रूप में शामिल किया गया है। सर्पदंश से होने वाली जनहित कि हानि रोकने के लिए प्राथमिक उपाय के रूप में लोगों को सर्पदंश से बचने के उपायों के प्रति जागरूक होना जरूरी है। बरसात के मौसम में सर्प अक्सर बाहर निकल आते हैं, इसीलिए इनसे बचाव करना जरूरी है।
*इस तरह से करें बचाव*
सर्पों से भरे क्षेत्रों में सतर्क रहें। लंबी झाड़ियों और घास से दूर रहें। रात में बाहर निकलते समय अच्छी रोशनी का उपयोग करें।बरसात के मौसम में बाहर निकलते समय बूट, मोटे कपड़े का पैंट आदि पहनें। सर्प दिखने पर उसके पास न जाएं और न ही उसे मारने की कोशिश करें। उसे बचकर जाने दें। सर्पदंश पर घबड़ाएं नहीं, आराम से लेट जाएं और कपड़े ढीले कर दें। चूड़ी, कड़े, घड़ी, अंगूठी जैसे आभूषण निकाल दें और उपचार के लिए चिकित्सा केंद्र जाएं। छोटे बच्चे, वृद्ध और अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति में जहर का असर गंभीर हो सकता है, इनके उपचार में देर न करें। घाव के साथ छेड़ छाड़ न करें, दौड़ने और भागने से जहर तेजी से शरीर में फैलता है। सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को शराब या नशे की कोई भी चीज या कैफिन युक्त पेय पदार्थ न दें। झाड़ फूंक से बचें और चिकित्सक की सलाह के अनुसार उपचार लें।


*सर्पदंश के लक्षण*
अधिकांश सर्प मांसाहारी भोजन करते हैं और छोटे जीव–जंतुओं को खाते हैं। मनुष्यों को ये अपने ऊपर खतरा देख कर ही काटते हैं। इन्हें छेड़ा न जाए तो ये मनुष्यों को नहीं काटते हैं। सांप के जहर से ऊतक नष्ट होते हैं और नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। ब्लड प्रेशर एवम हृदय पर असर अथवा क्लॉटिंग रक्तस्राव होता है। बिना जहर वाले सर्प के काटने पर काटे हुए स्थान पर थोड़ा दर्द और सूजन हो सकता है, जो सामान्यतः आसानी से ठीक हो जाती है। जहरीले सर्प के काटने पर यदि सर्प द्वारा जहर नहीं उगला गया है तो खतरा नहीं रहता है। यदि जहर उगला गया है तो काटने के स्थान पर तेज दर्द, छाला पड़ना, सूजन, लालिमा, नीलापन, रक्तस्राव, काला पड़ना या वो स्थान सुन्न हो सकता है। सर्प के जहर के असर से व्यक्ति के काटे गए स्थान के पूरे अंग में तेज दर्द हो सकता है। कम ब्लड प्रेशर, कमजोर नाड़ी, बढ़ी धड़कन, उल्टी, दस्त, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, देखने में दिक्कत, हाथ–पैर सुन्न होना, ज्यादा पसीना आना आदि हो सकता है, इसीलिए जागरूक रहें–सुरक्षित रहें।

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