दिल्ली से भागे मजदूर सीएचसी में जांच के बाद मजदूरों को भेजा गया क्वारंटाइन सेंटर।

राजेश कुमार

खोदावंदपुर/बेगूसराय:- खोदावंदपुर के गरीब मजदूरों को कोरोना वायरस का डर नहीं सताया, बल्कि भुखें मर जाने के डर से दिल्ली से भागकर खोदावंदपुर आयें. लगातार सोलह दिनों तक ठेला चलाकर दिल्ली के उत्तम नगर से यहां पहुंचे मजदूरों ने इस बात का खुलासा किया. बरियारपुर पूर्वी पंचायत के योगीडिह गांव के एवं सागी पंचायत के नकटा गांव के तथा मेघौल गांव के लगभग एक दर्जन मजदूरों के दिल्ली से खोदावंदपुर पहुंचते ही अफरातफरी मच गयी.

बीडीओअनुरंजन कुमार, सीओ सुबोध कुमार, थानाध्यक्ष दिनेश कुमार ने इन सभी मजदूरों को मेडिकल चेकअप के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोदावंदपुर भेजवाया. जहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रभात कुमार सिंह की उपस्थिति में एएनएम प्रमिला कुमारी ने सभी मजदूरों का चेकअप किया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने योगीडिह और नकटा के मजदूरों को मध्य विद्यालय तारा बरियारपुर के क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया. वहां अत्यधिक लोगों के रहने एवं जगह की कमी के कारण सभी मजदूरों को उत्क्रमित मध्य विद्यालय योगीडिह में बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर पर ले जाया गया.वहीं मेघौल गांव के मजदूर को आदर्श मध्य विद्यालय मेघौल के क्वारंटाइन सेंटर में भेजा.इन मजदूरों ने बताया कि वेलोग मजदूरी करने दिल्ली गये हुये थे.परंतु कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण पूरे देश में लॉकडाउन हो गया.दिल्ली में मजदूरी मिलनी बंद हो गयी. वहां भूखें मरने की नौवत आ गयी. लॉकडाउन के कारण ट्रेनें भी बंद हो गयी. मजबूरी में ठेला चलाकर सभी मजदूर एकजुट होकर वहां से अपने घर आये हैं।

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