कभी भी लॉकडाउन पार्ट-2 की घोषणा,कहीं नाकामी छुपाने का आसान रास्ता तो नहीं ?

आर.के.रॉय/संजीव मिश्रा

नई दिल्ली : अब जबकि 21 दिनों का लॉकडाउन समाप्त होने जा रहा है,महज एक दिन का समय शेष रह गयाब है ।अब इस बात की पूरी संभावना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी शीघ्र कुछ शर्तों के साथ कुछ प्रदेशों में लॉकडाउन में ढील देते हुए दूसरे लॉकडाउन की घोषणा करेंगे।देशवासी पिछले 72 घंटे से बेसब्री से प्रधानमंत्री के सम्बोधन का इन्तेजार कर रहे हैं।विश्व के कई देशों ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए अपने यहाँ स्वास्थ्य सेवा बेहतर करने के प्रयास किए हैं और कर रहे हैं।रूस की सरकार ने मात्र 20 दिनों में दस हजार बेड का अत्याधुनिक अस्पताल तैयार कर लिया है,तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाईड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के निर्यात रोके जाने पर भारत कैबकड़ी चेतावनी दी और अगले ही दिन भारत सरकार ने ट्रम्प के दवाब में अपना निर्णय पलटते हुए हाईड्रॉक्सिक्लोरोक्विन टैबलेट के निर्यात का आदेश जारी कर दिया। विश्व के कई देश अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठा रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर हमारे देश की सरकार मात्र लॉकडाउन कर कोरोना पर विजय पाने का प्रयास कर रही है। ना ही स्वास्थ्य व्यवस्था सही कर पायी, ना ही लॉक डाउन का कड़ाई से पालन करवा पायी, और ना ही कालाबाजारी पर ही रोक लगा पायी।
वहीं दूसरी और तब्लीगी मरकज में शामिल जमातियों की वजह से देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी बढ़ गई है।परन्तु क्या ये ताज्जुब की बात नहीं है कि जब दिसंबर 2019 के अंत में ही चीन में कोरोना पैर पसार रहा था,जनवरी 2020 में चीन में कोहराम मचा हुआ था।आखिर कैसे देश की राजधानी में इतना बड़ा आयोजन हो रहा था, जिसमें चीन के जमाती समेत कई अन्य देशों के जमाती शामिल हुए।सम्भव था,यदि उन जमातियों को वहाँ से देश के विभिन्न हिस्सों में जाने से उसी वक्त रोक दिया गया होता तो आज हम कोरोना पर विजय पा चुके होते।


कहीं न कहीं ये भारत सरकार एवं दिल्ली सरकार की नाकामी है। इसे झुठलाया नहीं जा सकता है। हमारी सरकार चाहे देश की हो या प्रदेश की,क्या वो बताएगी कि कोरोना से बचाव के लिए वो क्या प्रयास कर रही है ? देश के कितने गांवों,कितने शहरों और कितने जिलों में सेनेटाईजिंग टनल लगाए गए ? देश के कितने घरों को सेनेटाइज किया गया ? कोरोना जाँच में इतनी सुस्ती क्यूँ ?ऐसे और भी कई सवाल हैं,जिस पर सरकार को गम्भीरता से विचार करने चाहिए।क्या सिर्फ लॉकडाउन कर हम देश को कोरोना संक्रमण से बचा पाएंगे ? निःसन्देह ये काफी कठिन और काफी वक्त लेने वाला रास्ता है।गाँव-गाँव में,हर शहर में सेनेटाइजिंग टनल लगाकर,घर-घर को सेनेटाइज कर और जाँच में तेजी लाकर सम्भव था । आज भारत दूसरे लॉकडाउन की तरफ अर्थात लॉक डाउन पार्ट2 की तरफ बढ़ रहा है।ये हमारा निजी सोच है,यह जरूरी नहीं कि हरेक की सोच यही हो । अब दूसरा लॉकडाउन और कुछ नहीं, भारत सरकार और प्रदेश सरकार की नाकामी छुपाने का सबसे आसान रास्ता है।


भारत सरकार ये नहीं सोच पा रही है कि मध्यम वर्गीय लोग कितने मुसीबत में आ चुके हैं। प्रदेश सरकार तो उससे भी एक कदम आगे है, मध्यम वर्ग के बारे में कोई नहीं सोच पा रहा । पत्रकार हो शिक्षक हो,छोटे दुकानदार, सड़क पर पावभाजी बेचने वाला जो अपना किसी तरह जीवन यापन करते,कोई सुध लेने वाला नहीं । बिहार सरकार तो पूरे प्रदेश से 40 चुनिंदा पत्रकारो को पेंसन सम्मान योजना देते हैं । इसे आप क्या कहेंगे । बरहाल लॉक डाउन पार्ट 2 करने से भारत सरकार हो या प्रदेश सरकार अपने नाकामीयो को नहीं छुपा सकती है।

Related Articles

Back to top button