छात्र-युवा संसद में बीपीएससी परीक्षा रद्द कर पुनः परीक्षा कराने समेत कई प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित
11 फरवरी को सभी जिलों में धरना एवं 5 मार्च को विधानसभा घेराव का ऐलान
छात्र-युवा संसद में बीपीएससी परीक्षा रद्द कर पुनः परीक्षा कराने समेत कई प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित
11 फरवरी को सभी जिलों में धरना एवं 5 मार्च को विधानसभा घेराव का ऐलान
जे टी न्यूज, पटना: छात्र युवा संघर्ष मोर्चा द्वारा आज पटना विश्वविद्यालय में आयोजित छात्र-युवा संसद मे आज 70 वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द कर पुनः परीक्षा कराने, बीपीएससी परीक्षा में हुई धांधली की उच्च स्तरीय जांच कराने,पेपर लीक पर सख्त कानून बनाने,सोनू के परिजनों को उचित मुआवजा, शांतिपूर्ण आंदोलन पर बर्बर दमन पर रोक एवं मुकदमों की वापसी का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ. मोर्चा में शामिल एनएसयूआई, एआईएसएफ,एसएफआई,
आइसा,सोशल जस्टिस आर्मी,समाजवादी छात्र सभा, डीवाईएफआई, एआईवाईएफ, आरवाईए, यूथ कांग्रेस, आप यूथ विंग एवं सीवाईएसएस के नेताओं ने इन्हीं सवालों को लेकर 11 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना एवं आगामी 5 मार्च को सत्र चलने के दरम्यान विधानसभा घेराव का ऐलान गया.
कांग्रेस के प्रदेश कमिटी सदस्य सुशील कुमार, डीवाईएफआई के राज्य अध्यक्ष मनोज चंद्रवंशी, एआईएसएफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सुधीर कुमार, आरवाईए के राज्य सह सचिव विनय कुमार एवं सोशल जस्टिस आर्मी के शाश्वत की अध्यक्षता में हुई छात्र-युवा संसद संपन्न हुई.
मौके पर मौजूद एआईवाईएफ के राष्ट्रीय सचिव रौशन कुमार सिन्हा, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष सूरज सिंह यादव, एआईएसएफ के राज्य सह सचिव राकेश कुमार, सोशल जस्टिस आर्मी के गौतम आनंद, आइसा की राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, एसएफआई की राज्य अध्यक्ष कांति कुमारी, समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष सूरज यादव, डीवाईएफआई के राज्य सचिव रजनीश कुमार, आरवाईए के राज्य उपाध्यक्ष पुनीत पाठक, यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता विशाल यादव, आप यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु पटेल ने कहा कि सरकार खुद भी बीपीएससी परीक्षाओं की गड़बड़ियों को स्वीकार चुकी है. सरकार और आयोग मानती है कि एक परीक्षा, बापू परीक्षा केंद्र पर गड़बड़ी हुई है. तभी तो 4 जनवरी को पुनः परीक्षा ली गई. लेकिन गंभीर अनियमितताओं के 12000 अभ्यर्थियों के केंद्र पर जिस तरीके से परीक्षा के बीच अभ्यर्थी प्रश्न पत्र लेकर बाहर आ गए और सोशल मीडिया पर जिस तरीके से प्रश्न तैरने लगे. गड़बड़ियों की आँच में पूरे राज्य के केंद्र प्रभावित हुए और जब तक पूरी परीक्षा रद्द कर पुनः परीक्षा नहीं ली जाती है तब तक सभी अभ्यर्थियों से न्याय नहीं होगा.
छात्र-युवा संसद को संबोधित करते हुए माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि इतने लंबे दिनों से जारी आंदोलन पर मुख्यमंत्री की चुप्पी शर्मनाक है अगर मुख्यमंत्री ने पहले वार्ता कर ली होती तो इतना लंबा आंदोलन हीं नहीं होता. एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने कहा कि सरकार ने दमन का रिकार्ड कायम किया है. बावजूद छात्र- नौजवानों ने संघर्ष कर लड़ने का मिशाल कायम किया है. सीपीएम केन्द्रीय कमिटी सदस्य अरुण मिश्रा ने कहा कि सरकार को राज्य के नौजवानों के भविष्य खिलवाड़ करने पर आमादा है तो राज्य के छात्र-नौजवानों को भी निर्णायक संघर्ष छेड़ना चाहिए. शिक्षा विद अक्षय कुमार ने कहा कि बीपी एससी का आंदोलन को पूरे शिक्षा व्यवस्था की खामियों के आंदोलन के रूप में देखना चाहिए. रंगकर्मी अनीश अंकुर ने कहा कि यह आंदोलन कोई साधारण आंदोलन नहीं होकर राज्य के युवाओं के भविष्य का सवाल है.
मौके पर सबीर, सुशील उमाराज, शाश्वत शेखर, शंभू देवा, भाग्य भारती,उमेश कुमार देव शंकर आर्य, अविनाश कुमार, संस्कार राय, कुमार दिव्यम,मीर सैफ अली, श्वेता सागर समेत सैकड़ों छात्र छात्राएं शामिल थे.