जिले में आस्था का महापर्व चैती छठ बिहार से लेकर पूरे देश में मनाया गया।

🔊 Listen This News   रमेश शंकर झा के साथ वंदना। समस्तीपुर बिहार। समस्तीपुर:- जिले के विभिन्न जगहों पर आस्था का महापर्व छठ प्रति वर्ष बिहार से लेकर देश व विदेश में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया गया है। यह एक बहुत ही प्राचीन त्यौहार है जिसको छठ पूजा, डाला पुजा, सूर्य षष्ठी भी […]

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रमेश शंकर झा के साथ वंदना।
समस्तीपुर बिहार।

समस्तीपुर:- जिले के विभिन्न जगहों पर आस्था का महापर्व छठ प्रति वर्ष बिहार से लेकर देश व विदेश में बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया गया है। यह एक बहुत ही प्राचीन त्यौहार है जिसको छठ पूजा, डाला पुजा, सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। जिसमे भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। वहीँ वर्ष में दो बार छठ मनाया जाता है। चैत्र मास में मनाये जाने के कारण इसे चैती छठ कहा जाता है।

छत्तीस घंटे का यह व्रत रखकर, व्रती अपने परिवार की दीर्घायु की कामना करती है। वहीँ छठ व्रत का उपवास करने वाले आज गंगा में पवित्र स्नान करते हैं और भगवान भास्कर को अर्घ्य देते है। जहां गंगा नहीं है वहां के लोग नदीयों, तालाब या कृतिम तालाब बनाकर उसमें स्नान कर अर्घ्य देते हैं। जिसमे व्रती आज निर्जला उपवास करते हैं। महापर्व छठ पूजा करने वाले लोग बहुत ही लम्बे समय तक पानी में आधा शारीर डूबा कर खड़े रहते हैं और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं। भारत में कई राज्यों में छठ पूजा मनाया जाता है, जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड और विदेशो में भी मनाया जाता है। वहीँ छठ व्रत को विशेषकर संतान, निरोग और वैभव प्राप्ति के लिए किया जाता है।

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