झूठे बयान पर केंद्र सरकार दे स्पष्टीकरण : शेखो, कहा सेना ,और सेना के पराक्रम का राजनीतिक प्रयोग नही होना चाहिए

झूठे बयान पर केंद्र सरकार दे स्पष्टीकरण : शेखो, कहा सेना ,और सेना के पराक्रम का राजनीतिक प्रयोग नही होना चाहिए


जेटी न्यूज।

बीएस भुल्लर

चंडीगढ़। सेना का किसी भी कीमत पर राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, ऐसा करने से भारतीय सेना की छवि खराब होती है। सीपीआईएम के राज्य सचिव सुखविंदर सिंह सेखों, सीपीआई के राज्य सचिव बंत बराड़ और सीपीआईएमएल लिबरेशन के राज्य सचिव गुरमीत सिंह बख्तूपुर ने एक संयुक्त बयान में उक्त बातें कही। वे श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर के क्षेत्र में सुरक्षा एयर गन तैनात करने संबंधी बयान के संदर्भ में बोल रहे थे।


उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल समीर इवान ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया था कि ऑपरेशन सिंधुर के दौरान श्री दरबार साहिब अमृतसर क्षेत्र में सुरक्षा एयर गन लगाई गई थी। पाकिस्तान ने श्री दरबार साहिब को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए थे, जिन्हें भारतीय रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया था।
इसके बाद श्री दरबार साहिब के अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी अमरजीत सिंह ने इस बयान पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए इसे गलत बताया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सुरक्षा एयर गन नहीं लगाई गई है और न ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गन लगाने के लिए कोई मंजूरी दी है। उन्होंने कहा था कि श्री दरबार साहिब से मानवता की भलाई के लिए अरदास की जाती है और इस स्थान के बारे में कोई बुरा सोच भी नहीं सकता।
यहां यह बताना भी जरूरी है कि इस खंडन के बाद भारतीय सेना ने एयर गन की खबरों को खारिज कर दिया था और स्पष्ट किया था कि इस क्षेत्र में एयर गन तैनात नहीं हैं। तीनों कम्युनिस्ट नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सेना का राजनीति के लिए इस्तेमाल करने के लिए ऐसा अनुचित और झूठा बयान दिया गया है, ताकि सिखों की भावनाओं का अपने हितों के लिए इस्तेमाल किया जा सके।


उन्होंने कहा कि यह बयान सेना का भरोसा तोड़ने वाला है और केंद्र की मोदी सरकार की पोल खोलता है। इतना ही नहीं, इससे श्री दरबार साहिब क्षेत्र की शिष्टाचार पर भी कई सवाल उठते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय सेना को इस बयान से पीछे हटना पड़ा। नेताओं ने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
नेताओं ने कहा कि सेना का इस्तेमाल किसी भी कीमत पर राजनीति के लिए नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार के निर्देश के बिना ऐसा बयान नहीं दिया जा सकता। सरकार को यह बताना चाहिए कि यह झूठा बयान क्यों दिया गया। इससे भविष्य में यह विश्वास भी पैदा होगा कि सेना का इस्तेमाल कभी भी राजनीति के लिए नहीं किया जाएगा।

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