*हुकूमत जनता के ऊपर कोरोना से भी बड़ा कहर बरपा रही है : राकेश यादव*

*हुकूमत जनता के ऊपर कोरोना से भी बड़ा कहर बरपा रही है : राकेश यादव*

ठाकुर वरुण कुमार।

समस्तीपुर::-समस्तीपुर के राजद नेता राकेश यादव ने मध्यवर्गीय और उससे नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सैकड़ों या हज़ारों मील का पैदल सफ़र तय करके बिहार, झारखंड, उ.प्र., छत्तीसगढ़, म.प्र., ओडिशा कर्नाटक के सुदूर क्षेत्र स्थित अपने गाँव पहुंचने की जद्दोजहद में पूरे देश के लाखों-लाख मज़दूर इस समय अपनी झोंपड़ियों में भूखे-प्यासे क़ैद होकर रह गए हैं। जो भी राहत और बुनियादी ज़रूरत की चीज़ों को लोगों तक पहुँचाने संबंधी इंतज़ामात की घोषणायें हो रही हैं, वे अभी तक 80 प्रतिशत अखबार के पन्नों और टी वी के स्क्रीन तक ही सिमटी हुई हैं। राकेश यादव ने तल्ख तेवर में कहा कि कोरोना से निपटने में आपराधिक देरी और लापरवाही के बाद मोदी सरकार ने ताबड़तोड़ तुगलकी फ़रमान जारी करके भारी आबादी को असहनीय आपदाओं और मौत की अंधी घाटी में धकेल दिया है। मोदी सरकार की आपराधिक लापरवाही के बाद, इस सनक भरे फ़रमान ने उसके नोटबंदी जैसे फैसलों को मीलों पीछे छोड़ दिया है। इसकी कीमत देश की आम आबादी आने वाले लम्बे समय तक चुकाएगी।

यह दौर देश के इतिहास के एक अविस्मरणीय काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। भारत के इतिहास में प्लेग और स्पेनिश फ़्लू से होने वाली मौतों, बंगाल के अकाल की तबाही, देश विभाजन के समय हुई मौतों और विस्थापन तथा गुजरात-2002 के नर-संहार के बाद, इस समय मौतों, विस्थापन और तबाहियों का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। कोरोना से भी अधिक कहर सरकार की निरंकुश स्वेच्छाचारिता भरे फैसलों ने बरपा दिया है। महामारी से भी अधिक विकराल आम गरीब आबादी के लिए भुखमरी का खतरा हो गया है ! किसी भी बुर्जुआ लोकतंत्र को आम जन जीवन पर टूट पड़े इतने गंभीर संकट का मुकाबला सरकार कैसे करेगी यह समझ से परे है।

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