*16 March 74 बेतिया गोली काण्ड का 47 वा शहादत दिवस*

जेटी न्यूज।

बेतिया/पश्चिम चम्पारण:- 16 मार्च 74 को 1 बजे दिन से महारानी जानकी कुंवर (एम जे के) महाविद्यालय बेतिया के प्रांगण से एस एफ आई की पश्चिम चम्पारण जिला कमिटी के बैनर तले छात्रों का विशाल जुलूस निकाला गया जो डाकबंगला रोड , बिपिन स्कूल , कचहरी रोड होते हुए तत्कालीन जिला पदाधिकारी का कार्यालय राज कचहरी पहुंचा ही था कि तत्कालीन एस पी राम विलास पासवान ने अपने ही पिस्तौल से गोली चला कर एक छात्र को मार डाला । उसके बाद शुरू हो गया गोली चलने का सिलसिला देर शाम तक 44 राउंड गोलियां चली । जिसमें 7 लोगों की शहादत हुई ।

फिर शुरु हो गया कर्फ्यू का सिलसिला , गिरफ्तारियों का दौर , झूठे केसों में छात्रों के घरों पर छापेमारी , परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करने का काम ।
शाम 7 बजे तक गोली चलने के बाद रात्री 9 बजे प्रथम गिफ्तारी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम चम्पारण के जिला मंत्री का. सत्येंद्र नारायण मित्र , अधिवक्ता की हुई । उसके बाद साम्यवादी विचारक महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय के प्रो. पी झा । फिर कर्फ्यू के दौरान एस एफ आई सहित अन्य छात्र नेताओं की गिरफ्तारी के लिए घरों तथा किराए के मकानों पर छापेमारी ।
एक दिन दोपहर में दरगाह महल्ला स्थित मैं अपने मकान मालिक से मिला । उन्होंने हाथ जोड़ कर मकान खाली करने को कहा । कारण पूछने पर रोते हुए पुलिस द्वारा रात्री में गाली देना तथा प्रताड़ना की आपबीती कह डाली ।
एस एफ आई का जुलूस गगनचुंबी महंगाई , बेरोजगारी , भ्रष्टाचार और शिक्षा में आमूल परिवर्तन के लिए हुआ था । जो सरकार और जिला प्रशासन को नागवार गुजरा । शायद एहसास हो गया इस जुलूस से सत्ता छीनने की शुरुआत का ।


फिर क्या था 7 छात्रों की पुलिस द्वारा बेतिया में हत्या के विरुद्ध बिहार के हर कोने से उठने लगे आवाज । 17 मार्च को भागलपुर , दरभंगा ,मोतिहारी जैसे जगहों पर प्रदर्शन , फिर 18 मार्च को पटना में प्रदर्शन और गोली बारी । देखते देखते सुलगने लगा बिहार । इस आग की लपटें बढ़ने लगे दूसरे राज्यों तक ।
23 मार्च 74 को बेतिया में एस एफ आई के बिहार राज्य कमिटी के सचिव साथी अख्तर हुसैन पटने से पहुंचे । कर्फ्यू की दो घंटे 3 से 5 बजे की ढील की अवधि में अस्पताल रोड स्थित का. शेख साहब के घर पर छात्र नेताओं की एक छोटी बैठक में चौक चौराहों पर कर्फ्यू अवधि में प्रतिरोध स्वरूप नारे लगाने का निर्णय अलग अलग स्थानों पर लिया गया । यह सिलसिला रोज चला । 7 और 8 मार्च को पटने में राज्य कमिटी की बैठक में जिला मंत्री साथी प्रभुराज नारायण राव पटना गए । वहां पूरे बिहार में धरना कार्यक्रम को नियमित और बड़े पैमाने पर करने का निर्णय लिया गया । बेतिया सहित पश्चिम चम्पारण जिले के सभी मुख्य बाजारों में दर्जनों जगहों पर छात्र युवा संघर्ष समिति के बैनर तले अनशन होने लगा । धीरे धीरे यह छात्र आन्दोलन जन आन्दोलन बन गया । 22 मई 74 को चित्रगुप्त मैदान में मशाल के बाद हो रही सभा से मुझे गिरफ्तार कर लिया गया । माकपा जिला सचिव मण्डल सदस्य , सीटू नेता तथा रिक्शा मजदूर सभा के महासचिव का. कपीलदेव प्रसाद , किसान नेता राज कौशल मिश्र की गिरफ्तारी हो गई । इस आंदोलन में 27 दिसंबर 74 को केरल के प्रथम कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री तथा सीपीएम पोलित ब्यूरो सदस्य का. ई एम एस नंबूदिरीपाद , सीपीएम बिहार राज्य सचिव सियाबर शरण श्रीवास्तव , जनवादी युवक मोर्चा के बिहार के महासचिव नंदकिशोर शुक्ला , एस एफ आई राज्य अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्र , सचिव अख्तर हुसैन जैसे नेता बेतिया में आकर आंदोलन को बल पहुंचाया ।

16 मार्च 74 छात्र आंदोलन में भागीदारी देने जयप्रकाश नारायण बड़ा रमना के मैदान में आए । उन्होंने कड़े शब्दों में बेतिया गोली काण्ड की निंदा की तथा शहीद हुए 7 छात्रों के दोषी पुलिस कर्मियों को शख्त सजा की मांग की । उन्होंने एस एफ आई के छात्र आन्दोलन से जोड़ते हुए अपने को मार्क्सवादी होने की बात कही थी। लेकिन बिहार छात्र आन्दोलन के इतिहास से 16 मार्च बेतिया गोली काण्ड को नहीं जोड़ा गया । बल्कि 18 मार्पटना से बिहार छात्र आन्दोलन की शुरुआत बतलाया गया । नतीजा यह है की बेतिया से छात्र आन्दोलन की शुरुआत की गौरव गाथा का अधिकार छीन लिया गया । 16 मार्च बेतिया के 7 शहीद छात्रों को बिहार छात्र आन्दोलन की इतिहास से हटा दिया गया । इस तरह 7 शहीद परिवारों को मिलने वाले सरकारी सहायता से वंचित कर दिया गया । 16 मार्च को बेतिया गोली काण्ड में गिरफ्तार लोगो को जेपी सेनानी का दर्जा नहीं दिया गया और नहीं उनको जेपी सम्मान पेंशन ही दिया गया ।
– हम संघर्ष के बल पर ही 16 मार्च 74 के शहीदों का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर सारी सुविधाओं का वाजिब हक दिला सकते हैं ।

आज 16 मार्च 21 को 47वें शहादत दिवस के अवसर पर बेतिया के रिक्शा मजदूर सभा भवन में 16 मार्च 1974 को बेतिया गोली काण्ड के 7 शहीदों की याद में सेमिनार आयोजित किया गया । जिसको 74 छात्र आन्दोलन में गिरफ्तार होने वाले तत्कालीन युवा नेता साथी विजय नाथ तिवारी ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया । अध्यक्षता शंकर कुमार राव और म. हनीफ ने किया । सेमिनार को किसान नेता चांदसी प्रसाद यादव , खेत मजदूर नेता प्रभुनाथ गुप्ता , सीटू नेता बी के नरुला, पूर्व छात्र नेता शंकर कुमार राव , सुशील श्रीवास्तव , अनिल अनल , अजय सुहाग , संजीव कुमार राव , म. सहीम आदि ने संबोधित किया । अंत में दो मिनट का मौन रख कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।।

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