पिता को जिसने सिर आंखों पर बिठाया उसीने पुत्र को अछूत दिया करार चिराग के माल्यार्पण के बाद बाबा साहेब की प्रतिमा का किया “शुद्धिकरण”, दूध से नहलाया
पिता को जिसने सिर आंखों पर बिठाया उसीने पुत्र को अछूत दिया करार
चिराग के माल्यार्पण के बाद बाबा साहेब की प्रतिमा का किया “शुद्धिकरण”, दूध से नहलाया
जेटी न्यूज।

हाजीपुर। लोजपा रा सुप्रीमो लाख बार खुद को पासवान सहित दलितों का नेता कह लें मगर राज्य के अन्य लोक सभा क्षेत्रों की तरह वर्षों से हाॅट सीट रही हाजीपुर लोक सभा क्षेत्र की जनता भी मान चुकी है कि चिराग पासवान दलित विरोधी नेता हैं। पहले तो गाहे ब गाहे लोग दबी जुबान में उक्त आशय की चर्चा करते थे अब जबकी बढते तापमान के साथ चुनावी पारा भी आसमान छूने को उत्सुक है, इस चुनावी माहौल में लोजपा सुप्रीमो चिराग का विरोध अब खुलेआम होने लगा है। जिस हाजीपुर की जनता ने चिराग पासवान के स्मृति शेष पिता पद्य भूषण रामविलास पासवान को सर आँखों पर बैठाया, रिकॉर्ड वोटों जिताया, और उन्हें एक दो नहीं आठ बार दिल्ली की सत्ता में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाने का मौका दिया, उन्हीं के लाडले चिराग पर वही हाजीपुर संसदीय क्षेत्र की जनता खुलेआम बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान की नित्यदिन धज्जियां उड़ानेवाली मोदी सरकार की गोद में “हनुमान” बनकर खेलने का आरोप लगा रही है। देश के दलित अब “संविधान और आरक्षण विरोधी” उन ताकतों को पहचान चुकी है, जो सत्ता लोलुपता में अंधे होकर वैसे नीति निर्देशक तत्वों के हाथों की कठपुथली बन चुके हैं, जो बाबा साहेब के बनाए संविधान को खत्म करने की दिशा में रोज नया कार्य कर रहे हैं।

लोजपा रा अध्यक्ष के विरोध का मामला तब सामने आया जब गुरुवार 02 मई को लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने अपनी मां एवं एनडीए गठबंधन से जुड़े कई नेताओं के साथ लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इसी दौरान शहर के अनवरपुर चौक पर भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर उन्होने माल्यार्पण भी किया। बस, दलित विचाधारा, डॉ अंबेडकर के अनुयायी एवं संविधान प्रेमी कई लोगों को यही बात काफी आपत्तिजनक लगी। खासकर पासवान समाज को, वे लोग चिराग पासवान द्वारा बाबा साहेब के प्रतिमा पर किए गए माल्यार्पण की घटना से इतने आक्रोशित हुए की स्थानीय पासवान समाज के लोगों ने चिराग के वहां से हटते ही बाबा साहेब की प्रतिमा को अपवित्र हुआ मान कर उसे दूध से धो कर बाकायदा शुद्धिकरण किया।स्थानीय पासवान समाज के लोगों ने कहा की चिराग ने बाबा साहेब की मूर्ति छुआ है, जिससे वे “अछूत” हो गए, प्रतिमा की “शुद्धिकरण” के लिए हमलोगों ने बाबा साहेब की प्रतिमा को दूध से नहलाया है। लोगों का कहना है की चिराग दलित विरोधी हैं और आरक्षण खत्म करना चाहते हैं। बताते चलें कि इससे पहले बीते 30 अप्रैल 2024 को वैशाली (हाजीपुर) जिले के राजकुमार पासवान ने शहर में एक रिक्शा रैली निकाली थी। जिसमे संविधान की प्रस्तावना के साथ झाडू और हांडी (जिसे दलित समाज के शोषण का हथियार भी कह सकते हैं) को भी शामिल किया गया था। इस दौरान पत्रकारों द्वारा किए गए सवाल के जवाब में राजकुमार पासवान ने जमकर चिराग पासवान पर अपनी भड़ास निकाली थी और उन्हें संविधान विरोधी ताकतों के हाथों की कठपुतली बताते हुए कहा था कि चिराग आरक्षण खत्म करवाना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण में दिनांक 20 मई 2024 को हाजीपुर लोकसभा सीट के लिए चुनाव होना है। अब जबकि दलित समुदाय चिराग पासवान से खासे नाराज चल रहे है, ऐसे में हाजीपुर का चुनाव काफी दिलचस्प होना तय है।




