डॉ० मीना प्रसाद का विदाई समारोह कार्यक्रम चढ़ा जातिवाद की भेंट, मामला समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर का।

आखिर क्यों नहीं डॉ. मीना प्रसाद के विरुद्ध आपराधिक और मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाय?

डॉ० मीना प्रसाद का विदाई समारोह कार्यक्रम चढ़ा जातिवाद की भेंट, मामला समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर का।

आखिर क्यों नहीं डॉ. मीना प्रसाद के विरुद्ध आपराधिक और मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाय?⇐

*आखिर क्यों मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति ने मेहरबानी दिखाते हुए डॉ. मीना प्रसाद को यू.आर. कॉलेज, रोसड़ा का अतिरिक्त प्रभार 21 जून 2025 को सौंप दिया ?*

 

जेटीन्यूज़

समस्तीपुर: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में यादव को छोड़कर कोइरी, कुर्मी, राजपूत, भूमिहार और लाला जी ही प्राचार्य की कुर्सी पर आसीन हो सकते हैं। यह बात समस्तीपुर कॉलेज, समस्तीपुर के प्रधानाचार्य कार्यालय में चर्चित शिक्षा माफिया और समस्तीपुर कॉलेज से सेवानिवृत्त होकर प्रोन्नति पर शिक्षक बने निर्मल कुमार सिंह ने बताई कि अभ्यर्थियों को फोन करके बुलाया जा रहा है । क्योंकि वर्तमान कुलपति ने डॉ मीना प्रसाद को पदस्थापना समिति का सदस्य नियुक्त किया है। समस्तीपुर कॉलेज, समस्तीपुर में, जहाँ स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई होती है, किसी प्राध्यापक स्तर के शिक्षक को ही प्रधानाचार्य बनाना है। इतना ही नहीं, स्नातकोत्तर की प्रायोगिक परीक्षा में दोनों बाहरी एक्सटर्नल विश्वविद्यालय के बाहर के होने चाहिए। लेकिन प्राचार्य मीना प्रसाद शिक्षा माफिया सेवानिवृत्त निर्मल सिंह और एक स्थानीय कॉलेज से सेवानिवृत्त बाहरी व्यक्ति को एक्सटर्नल बनाती रही हैं नीतीश के राज में कुछ भी मुमकिन है।

नामुमकिन कुछ भी नहीं! ज्ञातव्य है कि डॉ. मीना प्रसाद 31 अगस्त 2025 को सेवानिवृत्त हो गईं। लेकिन जाने से पहले उन्होंने अपनी करतूतों को छिपाने के लिए यू.आर. कॉलेज, रोसड़ा का मुद्दा उठाया। नियमानुसार, सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को कम से कम तीन महीने पहले अपने पेंशन निर्धारण के लिए विश्वविद्यालय में कागजात जमा करने का प्रावधान है। लेकिन मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी ने अपनी मेहरबानी दिखाते हुए डॉ. मीना प्रसाद को यू.आर. कॉलेज, रोसड़ का अतिरिक्त प्रभार 21 जून 2025 को सौंप दिया। जाने से पहले डॉ. मीना प्रसाद ने दो डाटा ऑपरेटरों के बकाया तीन महीने के वेतन का चेक संबंधित कर्मचारियों को दे दिया। लाखों रुपये का चेक काटा गया। डॉ. मीना प्रसाद खुद निलंबित रहीं है। सजा के तौर पर वेतन वृद्धि (इन्क्रीमेंट) काटी गई। इसके बावजूद, वर्तमान कुलपति डॉ. मीना प्रसाद पर अपनी मेहरबानी बरसाती रहीं। डॉ. मीना प्रसाद के कार्यकाल की निष्पक्ष जाँच अपेक्षित है। यूआर कॉलेज, रोसड़ा के पूर्व प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. घनश्याम राय के विरुद्ध उन्होंने मीडिया में जो दुष्प्रचार किया, वह निंदनीय है। यू.आर कॉलेज में हुए विकास कार्य अविस्मरणीय हैं। आज के समय में बेईमान लोगों का बोलबाला है। इसके बावजूद यू.आर. कॉलेज का विकास मील का पत्थर है। आखिर क्यों नही डॉ. मीना प्रसाद के विरुद्ध आपराधिक और मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। ये बड़ा सवाल है साथ ही राजभवन द्वारा मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यशैली की भी जांच होनी चाहिए।

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