कोरोना टेस्ट किट घोटाला में सरकार की संलिप्तता : कमर आलम

समस्तीपुर::-राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव कमर आलम ने वैश्विक महामारी कोरोना के टेस्ट किट के घोटाले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए का कि सरकारी कंपनियां और प्राइवेट कंपनियों के बीच बिचौलिए और सरकार की उस में संलिप्तता उजागर करती है ।

उन्होंने बताया कि सरकार ने टेस्ट किट मुहैय्या कराने का काम दिया सरकारी कम्पनी एच.एल.एल. लाइफ केयर को।
एच.एल.एल. लाइफ केयर ने ये ठेका दे दिया “रेयर मेटाबोलिक” को।


रेयर मेटाबोलिक ने ये काम दे दिया मेट्रिक्स को।
कमर आलम ने ‌ कहा कि ये सारे लोग मुनाफे में कमीशन ले रहे हैँ। टेंडर, एग्रीमेंट, पेपर वर्क और सप्लाई-चेन के आपसी तालमेल में समय भी ज्यादा लगेगा। जबकि कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने पे पूरा देश दुनियां जोर दे रही है। उन्होंने सरकार से सीधा सवाल किया कि


जब प्रधानमंत्री अपने मेडिकल एक्वेपमेंट देने के लिए सर्बिया, जॉर्डन और बाकी दुनियां के प्रधानमंत्रियों से सीधी बात कर रहे हैँ तो एच.एल.एल. लाइफ केयर ने खुद ये किट्स चीन से क्योँ नहीं इम्पोर्ट की ?
600 की बजाय मात्र 245/- रुपये की कीमत पढ़ती और ट्रांसपोर्ट भी सरकारी एयर इंडिया कर देती l

प्राइवेट क्षेत्र में अनैतिक जुड़ाव के द्वारा मूल्यों को प्रभावित करने से रोकने के लिए कांग्रेस ने एंटी मोनोपोली लॉ बनाया था। सन् 2012 की कांग्रेस सरकार में कंपटीशन कमिशन ऑफ इंडिया ने 11 सीमेंट कंपनियों को आपस में मिल के पब्लिक से ज्यादा पैसा वसूलने का दोषी पाया तो सन 2010-11 का आधा मुनाफा यानी 6000 करोड़ का जुर्माना लगा दिया था।

उन्होंने सरकार पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि
ये रेपिड किट्स कम कीमत और कम समय में देश के ज्यादा लोगो को मुहैय्या हो सकती थी ? इसके लिए दोषी कौन ?
उक्त आशय की जानकारी युवा राजद जिला मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता संजय नायक ने प्रेस को दी।

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