लाकडाउन के दौर में समय पर पाठ्यक्रम एवं परीक्षा संपन्न करना हो प्रथम दायित्व – प्रोफेसर सेरेनी,

नई दिल्ली की शेफाली शर्मा व डा. गार्गी को मिला रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड


लानाविवी में अंतर्राष्ट्रीय बेबीनार का भव्य समापन।
कार्यालय, जेटी न्यूज।

दरभंगा। छात्र किसी भी राष्ट्र का भविष्य होता है। उनका समय पर पाठ्यक्रम एवं परीक्षा समाप्त हो यह विश्व के प्रत्येक राष्ट्र का प्रथम दायित्व होना चाहिए है, इस क्रम में आनलाईन स्टडी छात्रों के साथ शिक्षको के लिए भी एक नया अनुभव है।

उक्त बाते ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा की अंगीभूत इकाई डी.बी. कालेज, जयनगर के वाणिज्य विभाग व इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कोविद -19 का सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक प्रभाव विषयक बिहार के प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार / डिजिटल संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि आई. ए. विश्वविद्यालय, इरान के कुलपति प्रोफेसर हामीद सेरेनी ने कहीं।

बताते चले वेबीनार के समापन सत्र का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर सेरेनी, के अलावा विशिष्ट अतिथि श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीके भारती, कलिंगा विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर की प्रति कुलपति सश्मिता सामंता, पूर्णीया विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर टीएन झा, प्रधानाचार्य प्रोफेसर नंद कुमार व डा शैलेश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से माॅ सरस्वती की अर्चना व दीप प्रज्वलन कर किया।

इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के प्रतिनिधि व आयोजक डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि सहित तमाम आगत अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो. सेरानी ने कहा कि कोरोना संक्रमण का निदान सोशल डिस्टेंसींग व साफ सफाई है,

लेकिन इसके निदान के लिए स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय व सरकारी कार्यालय भी बन्द किए गए हैं। किन्तु इस बंदी ने हमारी जिम्मेदारियां बढ़ा दी हैं। अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार के समापन सत्र में छात्र छात्राओं एवं शिक्षको को सम्बोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश के कुलपति प्रो. पी के भारती ने कहा कि, प्रत्येक व्यक्ति हर क्षेत्र में कतई निपुण नहीं हो सकता।

ये एक व्यवहारिक समस्या है लेकिन कोरोना महामारी में उपरोक्त समस्या का समाधान नवाचार तकनीकी के प्रयोग से किया जा सकता है । उन्होने शिक्षा पद्धति में नवाचार तकनीकों को प्रमुखता से शामिल करते हुए सामान्य मेडिसिन, कानून, नैतिकता, राष्ट्र के प्रति कर्तव्य आदि का अध्ययन कराने का सुझाव दिया।

विशिष्ट अतिथि कलिंगा विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के प्रति कुलपति प्रोफेसर सश्मिता सामंता ने कहा कि करोना वायरस ने हमारे सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और राजनैतिक पक्षों में बहुत बड़ा परिवर्तन किया है, कोरोना संकट का समाधान, आत्म अनुसंधान, सामाजिक दूरी और सरकारी नियमों के पालन से होगा।

अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डा नंद कुमार ने कहा कि, भारत के जीडीपी को नुकसान से उभरने में करीब दो साल का समय लग जाएगा। लेकिन इस संकट से सामाजिक और आध्यात्मिक तौर पर भारत को वैश्विक नेतृत्व प्राप्त करने में आसानी होगी।

आयोजक व इंडियन एशोसिएशन फार मैनेजमेंट डेवलपमेंट के मुख्य संपादक डाॅ. शैलेश कुमार सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि, दो दिवसीय वेबीनार में इरान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश सहित भारत के झारखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, नई दिल्ली, हरियाणा, केरल, पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों के सैकड़ों प्रतिभागियों ने भाग लिया।

वहीं विभिन्न सत्रों में 80 से अधिक शिक्षाविद व शोधार्थीयों ने समसामयिक विषय कोविद -19 पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस दौरान बेस्ट पेपर प्रजेंटेशन के लिए श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश की शेफाली शर्मा व गुजरात की शोधार्थी गार्गी गोयल को रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया।

अंत में आयोजन समिति के सचिव डॉ. मो. मिनहाजुद्दीन ने समस्त अतिथि एवं प्रतिभागीयों के प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान मुख्य रूप से कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय, वाणिज्य व व्यवसाय प्रशासन विभाग के निदेशक प्रोफेसर एच के सिंह, प्रोफेसर मुनेश्वर यादव, डा नंद कुमार, डा विमलेन्दु मिश्रा, डा उमेश कुमार सिंह, डा शैलेश कुमार सिंह, डा जमील हसन अंसारी, डा अभिषेक झा, डा मनोज कुमार सिंह, डा प्रियंका सिंह, डा अरविन्द तिवारी, डा संजय कुमार पासवान, डा संजय कुमार, डा बुद्धदेव प्रसाद सिंह, डा अंतेश्वर यादव, डा ओम कुमार सिंह, डा अवध बिहारी यादव, डा आनंद कुँवर, डा रंजना, डा रमन कुमार ठाकुर, डा सुनील कुमार सुमन, डा मो. मुन्ना, डा मो. मिनहाजुद्दीन, डा अखिलेश कुमार सिंह सहित समस्त शिक्षक आनलाइन उपस्थित रहें।

 

Related Articles

Back to top button