बाल विकास परियोजना कार्यालय, समस्तीपुर में भ्रष्टाचार जोरों पर, जिला प्रशासन मौन।

जेटी न्यूज़।

समस्तीपुर: जिले में बाल विकास परियोजना कार्यालय दौड़ रहा भ्रष्टाचारी सड़कों पर। दलालों का चल रहा कार्यालय पर बर्चस्व। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ममता वर्मा का है सर पर हाथ। रात्रि में अभ्यर्थियों से फोन पर मांगे जाते हैं घूस। नहीं तो जिला के दूर देहात में की जाती है पदस्थापन।

ज्ञात हो कि राष्ट्रीय पोषण योजना के अंतर्गत प्रखंड समन्वयक और प्रखंड परियोजना सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया सूबे के प्रत्येक जिले में जोरों पर है। इसी क्रम में इन पदों की नियुक्ति प्रक्रिया समस्तीपुर जिले में भी जारी है, परंतु इस नियुक्ति में घूस की प्रक्रिया भी जोरों पर है। आपको बता दें जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ममता वर्मा के दलालों द्वारा प्रखंड परियोजना सहायक के पदस्थापन के नाम पर लाखों रुपए वसूले जाने का चर्चा आम होता जा रहा है। इस नियुक्ति प्रक्रिया के शुरू में ही जिला अधिकारी शशांक शुभंकर को भ्रष्टाचार की जानकारी मिली थी। जिस पर जिलाधिकारी ने जांच कमेटी बनाकर नियोजन की प्रक्रिया पूरी करवाई।

अब सवाल उठता है कि *क्या नियोजन की प्रत्येक प्रक्रिया जांच के घेरे में रहेगी?*

जिला प्रशासन को चाहिए कि मन मुताबिक पदस्थापन के लिए अवैध राशि वसूलने वाले मोबाइल संख्या 9570703838 की जांच करवाए और इसे जनता में आम करें। जिला प्रशासन इस पर उचित कार्यवाई करते हुए अपनी इमानदारी प्रस्तुत करें। पदस्थापन पर तत्काल रोक लगाते हुए अभ्यर्थियों के अनुसार पदस्थापन करें।

आपको बता दें कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के इस भ्रष्टाचारी रवैये की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा करते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। विदित हो कि राष्ट्रीय पोषण योजना में इस तरीके का भ्रष्टाचार मौजूदा सरकार पर भी कई सवालिया निशान उठाते हैं।

*क्या सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने में नाकाम है या सरकार खुद भ्रष्ट है?*
*क्या सरकार इन पदाधिकारियों को वेतन नहीं दे रही है?*

*समय रहते जिला प्रशासन कोई सख्त कदम उठाए, नहीं तो भविष्य में जन विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है।*

अब देखना यह है इस नियुक्ति प्रक्रिया क्रम में सरकार क्या कुछ रुख अख्तियार करती है। फिलहाल आम जनता की निगाहें जिला प्रशासन पर हैं।

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