शराब तस्करों के लिए सेफ जोन बना मधुबनी जिले के अधिकांश भाग

 

जेटी न्यूज मधुबनी

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित जयनगर अनुमंडल मुख्यालय समेत पूरा सीमावर्ती इलाका शराब तस्करों का सेफ जोन बनता जा रहा है। शराब तस्करी के धंधे को परवान चढ़ाने में नेपाली आ‌र्म्ड फोर्सेस की भूमिका संदिग्ध होने की बात सामने आ रही है।

सूत्रों का कहना है कि भारत-नेपाल सीमा पर तैनात नेपाल आ‌र्म्ड फोर्सेज दोनों देश के शराब तस्करों के बीच समन्वय स्थापित कराने में एक कड़ी के रूप में काम कर रहे हैं। भारत-नेपाल के बीच रिश्तों में आई खटास के बाद से नेपाल आ‌र्म्ड फोर्सेज की भूमिका शराब तस्करी के मामले में संदिग्ध हो चली है। शराब तस्करी के धंधे में लिप्त लोगों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के शराब तस्कर पहले भारतीय तस्करों को नेपाल आ‌र्म्ड फोर्स के अधिकारी से मिलाते हैं।

वहां से अनुमति मिलने के बाद दोनों देश के तस्कर मिल कर शराब की बड़ी से बड़ी खेप सीमा पार कराने में सफल हो जाते हैं। सीमा सील होने के बाद भी तस्करी परवान पर है।बता दें कि कोरोना संकट के कारण विगत मार्च से ही दोनों देशों की सीमा सील है। नेपाल आ‌र्म्ड फोर्सेज वैसे तो सीमा पर जरूरत से ज्यादा सख्त रवैया अपनाए हुए है।

इधर के किसानों को भी सीमा पार नहीं करने देती। इधर के लोगो को पैदल भी अपने सगे-संबंधियों से मिलने के लिए नहीं जाने दे रही है। ऐसी स्थिति में फिर शराब तस्कर कैसे सीमा पार करने में सफल हो रहे हैं? अपने आप मे यह बड़ा सवाल है। मामले का पड़ताल के दौरान यह बात खुलकर सामने आई कि नेपाल आ‌र्म्ड फोर्सेज के सहयोग से ही शराब तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है। मकसद बिहार सरकार के शराबबंदी योजना को विफल करना और नेपाल सरकार के राजस्व में वृद्धि करना है, ताकि नेपाल सरकार का आर्थिक संकट दूर हो सके।

इस लॉकडाउन के बीच सीमावर्ती थानों में 12 हजार बोतल शराब से भी ज्यादा जब्त हुई है। कोरोना संकट के कारण मार्च महीने से लॉकडाउन के कारण भारत-नेपाल सीमा पर आवाजाही ठप है। इन पांच महीनों में ही जयनगर एवं देवधा थाना पुलिस ने लगभग 12 हजार बोतल तस्करी की नेपाली शराब जब्त की। जयनगर थाना पुलिस ने लगभग नौ हजार शराब की बोतलें, एक चार पहिया, 15 दोपहिया के साथ 10 तस्करों को गिरफ्तार किया। जबकि, देवधा थाना पुलिस लगभग तीन हजार शराब की बोतलों के साथ दस तस्करों को गिरफ्तार कर चुकी है।

यदि पूरे सीमावर्ती इलाके के थानों की पड़ताल की जाए, तो नेपाल आ‌र्म्ड फोर्सेस का असली खेल समझ में आ सकता है। यदि समय रहते शराब तस्करी के धंधे पर नकेल नहीं कसा गया, तो सीमा पर एक बड़ा सिंडिकेट स्थापित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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