300 साल में पहली बार हनुमान जयंती पर सुना रहा पटना का महावीर मंदिर, झंझट टाइम्स की विशेष रिपोर्ट

लड्डुओं को बेचकर महावीर कैंसर संस्थान में होता है आर्थिक रूप से कमजोरों इलाज

आशीष कुमार

पटना : उत्तर बिहार का प्रसिद्ध महावीर मंदिर पहली बार हनुमान जयंती पर कोरोना वायरस के कारण सुना रहा। पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर की स्थापना स्वामी बालानन्द  ने 1713 ईस्वी में किया था। वर्ष 1900 तक यह मंदिर रामानंद संप्रदाय के अधीन रहा। उसके बाद सन् 1948 तक यह मंदिर पर गोसाईं सन्यासियों ने कब्जा जमाए रखा। पटना हाईकोर्ट ने 1948 में इस मंदिर को सार्वजनिक मंदिर घोषित किया।
1983 से 1985 तक पूर्व आईपीएस आचार्य किशोर कुणाल के प्रयासों से इस मंदिर का जीर्णोद्धार  कर विशाल रूप दिया गया। इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों का विशाल जमावड़ा होता है। तिरुपति के कारीगरों द्वारा तैयार हनुमान जी को नैवेद्यम के लड्डू का भोग लगाया जाता है। कहते हैं कि यहां 40 हजार लड्डुओं की बिक्री हर दिन होता है। इन लड्डुओं को बेचकर जो कमाई होती है उसे महावीर कैंसर संस्थान में उन मरीजों का इलाज होता है जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर होते हैं। प्रसिद्ध हनुमान मंदिर का मुख्य दरवाजा उत्तर दिशा की ओर है। पहले या दरवाजा पूर्व की ओर था। मंदिर में 15 किलो वजन का राम सेतु का पत्थर है जो कांच के बर्तन में रखा है। और यह पत्थर पानी में तैरता रहता है।
महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि रामानंद संप्रदाय के अनुसार हनुमान जयंती कार्तिक में मनाया जाता है लेकिन चैत्र पूर्णिमा के दिन भी भक्तों की भारी भीड़ रहती है।

BY:- ASHISH ANAND (WEBSITE EDITOR)

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