बिहार उर्दू टीचर्स एसोसिएशन के द्वारा उर्दू दिवस पर कार्यक्रम का किया गया आयोजन।

 

दजेटी न्यूज।

शहाबुद्दीन अहमद

बेतिया/पश्चिम चम्पारण:- बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन के द्वारा आज सज्जाद पब्लिक उर्दू लाइब्रेरी बेतिया के तत्वधान में, सालारे उर्दू, व पूर्व बिहार विधान सभा स्पीकर ,स्वर्गीय गुलाम सरवर की जन्म दिवस के मौके पर इस प्रोग्राम का आयोजन किया गया,जिसकी अध्यक्षता, शहर के प्रख्यात शायर,पत्रकार, नामानिगार,लेखक ,अबुल खैर निश्तर ने किया, साथ ही मंच का संचालन,अब्दुल माजिद नदवी ने किया,इस मौके पर,बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन के राज्य सचिव सह जिला अध्यक्ष, मोहम्मद फिरोज ने उर्दू के जांनिसार, स्वर्गीय गुलाम सरवर के बड़े-बड़े कारनामों को गिनाते हुए सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में उर्दू की पढ़ाई को यकीनी बनाने का आह्वान किया तथा मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने बच्चों को उर्दू पढ़ाने की अपील की, तथा इस प्रोग्राम में शामिल होने वाले सभी विशिष्ट लोगों का स्वागत किया। अमन वेलफेयर एंड कल्चरल सोसायटी,बेतिया के महा सचिव, हसन एकराम ने अपने संबोधन में कहा कि आज के इस युग में, मुस्लिम समुदाय के सभी लोगों को अपने होनहार बच्चों को उर्दू की तालीम देने की जरूरत पर जोर दिया, उन्होंने आगे कहा कि अगर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने बच्चों को उर्दू की तालीम नहीं दिलाएंगे तो आने वाले वक्त में मुस्लिम समुदाय के बच्चे अपने दीनी तालीम से महरूम रह जाएंगे, आज के इस युग में, उर्दू भाषा के विकास में उर्दू एक अहम रोल अदा करेगी, अगर हम लोग इस पर ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले समय में उर्दू भाषा की ओर से लोगों के अंदर जो जागृति पैदा होने चाहिए थी, वह नहीं हो पाएगी, जिससे हमारी उर्दू भाषा की जो तरक्की होनी चाहिए और जो मुकाम मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाएगा, इसलिए आज के इस युग में जरूरत है कि मुस्लिम समुदाय के बच्चे और बच्चियां, मुस्लिम समुदाय के माता-पिता भी अपने बच्चों को उर्दू की तालीम के तरफ तवज्जह देने की जरूरत आ पड़ी है,अगर ऐसा नहीं कर पायेंगे तो आने वाला वक्त और नसल हमको माफ नहीं करेगी। उन्होंने आगे कहा कि इस्लामिक लिटरेचर व इस्लाम धर्म की सभी किताबें उर्दू जबान में ही मिलती है, अगर उर्दू की जानकारी नहीं रहेगी तो इस्लामिक लिटरेचर ,इस्लामी किताबों का अध्ययन करना मुश्किल हो जाएगा और अपने धर्म के बारे में जानना भी कठिन हो जाएगा, इसलिए उर्दू जबान का जानना, पढ़ना, लिखना, मुस्लिम समुदाय व उनके बच्चों के लिए एक अत्यंत आवश्यकता बन गई है। इस महती सभा का संबोधन करने में, इस कार्यक्रम के अध्यक्ष, सह शहर के प्रख्यात शायर,नामानिगार,लेखक,पत्रकार अबुल खैर नीशतर ने भी उर्दू जबान की तरक्की, इसकी अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि शेरे बिहार, स्वर्गीय गुलाम सरवर ने उर्दू की तरक्की और इसके प्रचार प्रसार के लिए जो कुर्बानियां दी हैं, वह रहती दुनिया तक भुलाया नहीं जा सकता है, उन्होंने जिस लगन, मेहनत, जज्बा के साथ उर्दू भाषा की तरक्की, प्रचार प्रसार करने के लिए अपनी जान निछावर कर दी,उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर ही हम उर्दू भाषा की दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की दिलाने में मदद कर सकते हैं, हम मुस्लिम समुदाय के लोगों की उनके प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि उर्दू भाषा की तरक्की के लिए हम सब कुर्बानी दे और उर्दू समाचार पत्र, लिटरेचर को खरीद कर उसका अध्ययन करें,इतना ही नहीं, सरकारी विभाग में कई पद पर कार्य करते हुए, उर्दू शिक्षक,कर्मी अपने पद पर रहकर भी उर्दू भाषा के प्रति जवाबदेह बनकर इसके विकास में सहयोग करें, सभा के अंत में, अध्यक्ष महोदय ने इस शेर के साथ अपनी वाणी पर विराम दिया कि उर्दू हमारी दिल है,हमारी जुबां है,

रोशन इसी से फिक्र व नजर का जहां है,मकबूल खास व आम है यह काएनात में,उर्दू जबान नाजिशे हिन्दुस्तान है।।

Website Editor :- Neha Kumari

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