पेड़-पौधे जीवन के आधार- रामनंदन सिंह।

 

जेटी न्यूज़।

बेगूसराय::- दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार इंजीनियर रामनंदन सिंह ने कहा है कि पेड़-पौधे धरती का श्रृंगार हैं, तो पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जंतुओं के जीवन के वे आधार भी होते हैं।

पेड़ पौधे के नहीं होने से धरती, जल, वायु अपना संतुलन खो देते हैं, और मनुष्य के अस्तित्व पर सवालिया निशान लग जाता है।

आजादी से पहले देश में 37% भूमि पर जंगल थे, जो बाद में विकास और आधुनिकता के नाम पर बड़ी संख्या में पेड़ कटते गए।

एक सर्वे के मुताबिक भारत में मात्र 11% जंगल बच गए हैं, जंगलों की कमी के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ गया है, पहले की तुलना में वर्षा में कमी आई है, और वातावरण में तापमान बढ़ गया है।

फिलवक्त सड़क निर्माण, रेलवे लाइन बिछाने तथा कल कारखाने के नाम पर बेतहाशा पेड़-पौधे काटे जा रहे हैं।

2003 में बाजपेयी सरकार ने धरती को हरा-भरा बनाने के लिए “पेड़ लगाओ धरती बचाओ” अभियान की शुरुआत की थी, लेकिन कुछ वर्षों के बाद यह अभियान बंद हो गया।

पुनः 2018 में नीतीश सरकार बिहार में “जल जीवन हरियाली” योजना के तहत “पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ” कार्यक्रम चला रही है, इस योजना के तहत 9 अगस्त को बिहार पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया है, और इस अवसर पर राज्य में ढाई करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

पर्यावन, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक सिंह ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत अब तक 2 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, और पृथ्वी दिवस (9 अगस्त) तक और 50 लाख पेड़ लगाए जाएंगे।

इस बार संस्थागत तरीके से पेड़ पौधे लगाए जा रहे हैं।

साथ ही लगे पौधे को संरक्षित और सुरक्षित रखने की भी विशेष व्यवस्था की गई है।

इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए जीविका समूह के दीदियों ने अपने घरों के बाहर 66 लाख पौधे लगाए हैं, जिनमें फलदार पौधे की संख्या अधिक है।

इसी तरह किसानों ने अपनी जमीन पर 15 से 20 लाख पौधे लगाए हैं, और इन पौधों की देखभाल वे खुद कर रहे हैं।

गांव में मनरेगा के तहत जो पौधे लगाए जा रहे हैं उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को दी गई है।

एनटीपीसी (NTPC) द्वारा 5 लाख तथा रेलवे द्वारा बिहार में 4 लाख पौधे लगाए गए हैं।

फिलहाल बाढ़ एवं वर्षा के कारण बहुत बड़े क्षेत्रों में पानी भरा हुआ है, इसलिए अभी पौधारोपण के कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।

इनके अलावा सरकारी स्कूल-कॉलेजों तथा पब्लिक स्कूल जिनके पास अपना परिसर है, वहां भी पेड़ लगाए जाएंगे, ताकि वहां भी हरियाली तथा पर्यावरण साफ रहे।

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