शनिवार को श्रद्धालु करेंगे महा अष्टमी व्रत,होगी माँ दुर्गा के आठवीं शक्ति की उपासना 

जेटी न्युज

मोतिहारीlपु०च०

श्रद्धा-भक्ति के साथ उपवास रहकर महा अष्टमी व्रत करने के साथ साथ भगवती दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की उपासना करेंगे।नवरात्र पूजन के आठवें दिन माँ दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की उपासना का विधान है। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इस गौरता की उपमा शंख,चंद्र और कुन्द के फूल से दी गई है। इनकी आयु “अष्टवर्षा भवेद् गौरीʼʼ के अनुसार आठ वर्ष की मानी गयी है। इनके सभी वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं। इनकी चार भुजाएँ हैं। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय-मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपर वाले बायें हाथ में डमरू और नीचे के बायें हाथ में वर-मुद्रा है। इनका वाहन वृषभ है।उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि अपने पार्वती रूप में इन्होंने भगवान शिव को पतिरूप में प्राप्त करने के लिए बड़ी कठोर तपस्या की थी,जिसके कारण इनका शरीर एकदम काला पड़ गया । इनकी तपस्या से प्रसन्न और संतुष्ट होकर भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगा जी के पवित्र जल से मलकर धोया तब वह विद्युत् प्रभा के समान अत्यन्त कांतिमान गौर हो उठा। तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से सभी कल्मष धुल जाते हैं तथा उसके पूर्व संचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप,दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं आते। वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है। माँ महागौरी का ध्यान-स्मरण व पूजन-आराधन भक्तों के लिए सर्वविध कल्याणकारी है।नवरात्र पूजन के आठवें दिन महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए।

Website Editor :- Neha Kumari

Related Articles

Back to top button