अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर पीजी संस्कृत विभाग में क्विज प्रतियोगिता एवं काव्य पाठ प्रतियोगिता आयोजित प्रतियोगिता के सभी प्रतिभागियों को मुख्य समारोह में दिया जाएगा प्रमाण पत्र तथा विजेताओं को पुरस्कार

अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर पीजी संस्कृत विभाग में क्विज प्रतियोगिता एवं काव्य पाठ प्रतियोगिता आयोजित
प्रतियोगिता के सभी प्रतिभागियों को मुख्य समारोह में दिया जाएगा प्रमाण पत्र तथा विजेताओं को पुरस्कार.

जे टी न्यूज़, दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर हिन्दी, मैथिली, उर्दू एवं संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” की पूर्व संध्या पर विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग के सभागार में क्विज प्रतियोगिता एवं काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 130 से अधिक छात्र- छात्राओं ने भाग लिया। दीप प्रज्वलित कर प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए मानविकी संकायाध्यक्ष सह कार्यक्रम संयोजक प्रो ए के बच्चन ने कहा कि मातृभाषा का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व होता है। इसके माध्यम से कोई भी आसानी से ज्ञान अर्जित कर सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

उद्घाटन सत्र में मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो दमन कुमार झा, उर्दू के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो आफताब अशरफ, हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो उमेश कुमार, संस्कृत विभागाध्यक्ष डा घनश्याम महतो, पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो जीवानंद झा, क्विज प्रतियोगिता के प्रभारी डा आर एन चौरसिया, मैथिली- प्राध्यापक प्रो अशोक कुमार मेहता, डा सुरेश पासवान एवं डा सुनीता कुमारी, संस्कृत के डा ममता स्नेही तथा डा मोना शर्मा, हिन्दी के डा सुरेन्द्र प्रसाद सुमन, डा ज्वाला चन्द्र चौधरी एवं डा आनंद प्रकाश गुप्ता, सदानंद विश्वास, मनी पुष्पक घोष, रीतु कुमारी, मोहम्मद हसान तथा योगेंद्र पासवान आदि उपस्थित थे।

प्रतियोगिताओं के निर्णयक मंडल के सदस्यों में प्रो उमेश कुमार (हिन्दी), प्रो आफताब अशरफ(उर्दू), डा मोना शर्मा (संस्कृत) तथा डा सुनीता कुमारी (मैथिली) के नाम शामिल थे, जिन्होंने चारों भाषाओं के काव्य पाठ करने वाले छात्र- छात्राओं में से प्रथम तीन श्रेष्ठ नामों की घोषणा की, जिन्हें कल जुबली हॉल में आयोजित मुख्य समारोह में कुलपति के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। उद्घाटन सत्र का संचालन करते हुए क्विज प्रतियोगिता के प्रभारी डा आर एन चौरसिया ने अन्तरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेने से छात्रों के व्यक्तित्व में निखार आता है तथा अपने को मूल्यांकन करने का अवसर भी प्राप्त होता है।

प्रतियोगिता में कोई जीतता है तो कोई सीखना है। काव्य पाठ का नियम बताते हुए प्रतियोगिता के प्रभारी प्रो उमेश कुमार ने संचालन किया। उन्होंने प्रतिभागियों से उर्दू, मैथिली, हिंदी तथा संस्कृत भाषा में प्रतिभागियों से स्वरचित काव्य पाठ कराया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रभारी डा सुरेश पासवान ने किया।

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