समाजवादी पार्टी, बिहार के प्रदेश सचिव ने मुख्यमंत्री पर साधा निशाना।

जेटी न्यूज़।

 

पटना::- समाजवादी पार्टी, बिहार के प्रदेश सचिव राम सुदिष्ट यादव ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि 2005-10 के बीच देश में बोली भाषा एवं खुबसूरत शब्द व्यवहार के लिए जाने जाते थे, उस नीतीश जी का आजकल दिमागी दिवालियापन हो चुका है। 2015 में 80 विधायक बाला राजद ने 71 विधायक बाला जदयू नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री बनाया था। 27 नवंबर को विधानसभा में नीतीश जी कहते है तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हमने बनाया। जब राजद नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री ही नहीं बनाता तो मंत्री परिषद बनाने का हैसियत कहां से आता।

 

इस वर्ष 74 विधायक बाला भाजपा, जदयू के 43 विधायक बाला नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री बनाया है। यही नीतीश जी कल आपसी तल्ख बढ़ने पर भाजपा कोटे के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी को भी कुतर्क का सहारा लेकर एक पागल की तरह बोल सकते हैं।

 

इसी प्रकार चुनावी भाषण 2020 के दौरान नीतीश कुमार जी अपने से अधिक बच्चे पैदा करने वाले तेजस्वी यादव के खानदान को, नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री, नरसिम्हा राव पूर्व प्रधानमंत्री आदि के खानदान को विकास विरोधी,समाज विरोधी कहकर जमकर गालियां थी।

 

दुसरी तरफ बिहार के अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ भी धोखाधड़ी करते आ रहे हैं। पिछले 15-20 सालों से इस वर्ग को कुतर्क देते आ रहे हैं कि सैक्यूलर धारा के राजनीति से अतिपिछड़ा समाज को नुक्सान होगा। मनुवादी विचारक भारतीय जनता पार्टी, आरएसएस के साथ चलने पर फैदा होगा। अतिपिछड़ा समाज भी नीतीश जी के सब्जबाग देखकर दिग्भ्रमित हो चुका है।

 

जबकि भाजपा सरकार देश भर में आम जनता का नौकरी रोजगार शिक्षा अर्थव्यवस्था कलकारखा सभी समाप्त करता जा रहा है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में मंडल कमीशन आरक्षण समाप्त कर दिया है। इस सब पर नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए रहते हैं। क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से केवल मतलव रहा है।

 

यादव ने यह भी कहा कि मैं राम सुदिष्ट यादव समाजवादी विचारक आप लोगों से विनम्र निवेदन है कि ओबीसी वर्ग में आने वाले सभी लोगों को गम्भीरता से सोचे, विचार करें और ओबीसी वर्ग के संवैधानिक अधिकारों, मौलिक अधिकारों, लोकतांत्रिक व्यवस्था, भारतीय संविधान की हिफाजत के लिए बिना भेदभाव, छुआ-छूत, ऊंच-नीच के अपने अधिकारों की हिफाजत के लिए वैचारिक रूप से एक जुट हों। भारत के सभी जाति धर्म वर्ग के लोगों को सभी क्षेत्रों में भागीदारी हिस्सेदारी में अवसर मिलें,ऐसी व्यवस्था के लिए एक मजबूत संघर्ष कांति लाने पर विचार करें।

Website Editor :- Neha Kumari

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