राजकीय समारोह के साथ जननायक कर्पूरी ठाकुर की 97वीं जयंती मनाई गई.

 

जेटी न्यूज/ जैनेंद्र सिंह

समस्तीपुर: शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं गरीबों के मसीहा जननायक कर्पूरी ठाकुर की 97वीं जयंती राजकीय समारोह के धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर उनके जन्म भूमि पितौझिया कर्पूरीग्राम में आयोजित जन्मोत्सव समारोह में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उनके प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर जननायक कर्पूरी ठाकुर के सुपुत्र पूर्व मंत्री सह राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर, पूर्व मंत्री मंगनी लाल मंडल, पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी, पूर्व मंत्री वैद्यनाथ सहनी, रोसरा विधायक वीरेंद्र पासवान पूर्व सांसद सह जिला अध्यक्ष जदयू अश्वमेघ देवी जिला परिषद अध्यक्ष प्रेमलता, जीकेपी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ स्नेहा कुमारी, जीकेपीडी कॉलेज के प्राचार्य विद्या सागर ठाकुर, सहायक प्राध्यापक नीलम कुमारी, सहायक प्राध्यापक सीता कुमारी, सहायक प्राध्यापक पुष्पा कुमारी, सहायक प्राध्यापक रीता कुमारी ,सहायक प्राध्यापक कुमारी, नित्यानंद ठाकुर, बनारसी ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष संस्कृत बोर्ड जदयू नेता डॉ दुर्गेश राय, भाजपा नेता रामबालक पासवान आदि सहित अन्य गणमान्य लोगों ने कर्पूरीग्राम स्थिति जननायक कर्पूरी ठाकुर स्मृति भवन में जननायक कर्पूरी ठाकुर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धा निवेदित की. इस अवसर पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भी शामिल हुए और वहां उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित की। इसके बाद गोकुल-कर्पूरी-फुलेश्वरी महाविद्यालय जाकर भी जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर उनके बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लेते हुए पुष्पांजलि अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वक्ताओंं ने जननायक के कृतित्व व व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सरकार से जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की। पूर्व मंत्री मंगनी लाल ने कहा की जननायक जी स्वतंत्रता आंदोलन के महान सेनानी थे, वह समाजवादी नेता संघर्ष एवंं कर्म पुरुष थे, जिस ऊंचाई पर वे पहुंचे, जनता ने उनको प्यार व स्नेह दिया उसके चलते आज वे जन नायक बने। जो उनका विचार, कर्म था उन दोनों में एकरूपता हमेशा रही। विरले ही ऐसे व्यक्ति पैदा होते हैं जो जिस पारिवारिक परिवेश से आए उसने जनता का इतना प्यार पाना, जननायक होना और जो उन्होंने गांधी से, डॉक्टर लोहिया से, जेपी से, वैचारिक ज्ञान सीखा था उसको अपने कर्म के द्वारा इन्होंने धरती पर उतारा इसलिए उन्हें गरीबों का मसीहा भी कहा गया है।

इससे पूर्व जननायक केे सुपुत्र राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने नम आंखों से कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जन नायक कर्पूरी ठाकुर गरीबों केे मसीहा थे समरस समाज की स्थापना के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष किया। वंचित, पिछड़े व दलित तबकेेेे के लोगों शिक्षा के प्रति जागरूक कर लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया। भारत रत्न देनेे की मांग पर उन्होंने कहा कि 1989 में जब भागवत झा आजाद बिहार के मुख्यमंत्री थे, तो दोनों सदनों से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा गया। फिर लालू प्रसाद यादव के समय भी जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की अनुशंसा की गई। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में भी दोनों सदन से भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कर सरकार के पास भेजा गया। यह तो केंद्र सरकार तय करेगी मैं तो सिर्फ मांग करूंगा। वही उनकी पुत्री जीकेपीडी की प्राचार्या स्नेहा कुमारी ने जननायक की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मेरे दादा गरीबों के मसीहा, पिछड़ों के नेता एवंं महान सेनानी थे। उनके जन्मदिवस पर हम सभी होली, दीपावली जैसा त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए उनके बताए हुए मार्गो पे चलने का संकल्पित होतेे हैं। इसकेे अलावा नित्यानंद ठाकुर, बनारसी ठाकुर, अनस रिजवान, महाविद्यालय के सचिव प्रोफेसर गया, हरिनंदन आदि सहित गणमान्य लोगों ने जननायक की विचारधारा को लेकर अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

Website Editor :- Neha Kumari

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