*भारत सरकार द्वारा तैयार राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर महिला कॉलेज समस्तीपुर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ब्यूरो रमेश शंकर झा के साथ महताब आलम, समस्तीपुर बिहार। सब पे नजर सबकी खबर, हमसे जुड़ने के लिए:- ८७०९०१७८०९, W:- ९४७०६१६२६८, ९४३१४०६२६२ पर संपर्क करें।*
ब्यूरो रमेश शंकर झा के साथ महताब आलम,
समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपुर:- मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा तैयार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के प्रारूप पर महिला कॉलेज समस्तीपुर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वहीँ संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ० शंभू कुमार यादव ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 स्पष्ट और विस्तृत है। इसमे शिक्षा की गुणवत्ता और व्यावहारिक पक्ष पर अधिक ज़ोर दिया गया है। सरकार को इसे ईमानदारी पूर्वक लागू करना चाहिए और समाज को भी सहयोग करना चाहिए। वहीँ आईक्यूएसी समन्वयक के डॉ० विजय कुमार गुप्ता ने संगोष्ठी विषय पर ध्यान कराते हुआ कहा कि सभी तक शिक्षा पहुंचाने के लिए शिक्षा नीति प्रारूप चार भागों और 23 अध्यायों में समेकित है। यह प्रारूप भारत केंद्रित शिक्षा प्रणाली कि कल्पना करती है।
जिसमे प्रो० बिंदा कुमारी अब तक की सभी शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रारूप राष्ट्र के लिए बेहतर है। प्रो० सुनीता सिन्हा ने शिक्षा नीति से शोध के गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद जतायी है। प्रो० शिउली भट्टाचार्य ने कहा कि प्रारम्भिक बाल्यावस्था सीखने कि बुनियाद है। इस पर सरकार को अधिक बल देना चाहिए। प्रो० नीता मेहता ने सुझाव दिया कि विद्यालय और महाविद्यालय में कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए। प्रो० बिगन राम ने कहा कि सबसे अधिक स्कूली शिक्षा पर ध्यान देने कि जरूरत है। डॉ० पूजा अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा में समानता स्थापित करने के लिए स्कूली स्तर से ही जाति व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए।
इस कार्यक्रम के मौके पर डॉ० शारदा सिन्हा, डॉ० रेणुका यादव, डॉ० किरण वाला सिंह, डॉ० अपराजिता कुमारी, डॉ० सोनी सलोनी, डॉ० आकांक्षा उपाध्याय आदि ने अपने-अपने विचार और सुझाव व्यक्त किए।