राष्ट्रीय नियामक ने आपातकालीन स्थितियों में स्पुतनिक-V वैक्सीन के सीमित उपयोग की अनुमति दी

Know cost of Sputnik V third vaccine approved in India । भारत में तीसरी  वैक्‍सीन को मंजूरी, जानें Sputnik V का दाम क्‍या है? | Hindi News, देश

केंद्र सरकार सक्रिय रूप से अपनी पूरी क्षमता के साथ कोविड-19 के विरुद्ध लड़ रही है और उसका ध्यान इसकी रोकथाम, निगरानी, कोविड उचित व्यवहार और टीकाकरण पर केन्द्रित हैI टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 से हुई थीI इसके लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया – राष्ट्रीय नियामक अर्थात भारतीय औषध महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने दो टीकों के आपातकालीन उपयोग की अनुमति (ईयूए) दी थी I ये वैक्सीन हैं : सीरम इंस्टीटयूट ऑफ़ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित “कोविशील्ड” और भारत बायोटेक इन्टरनेशनल (बीबीआईएल) द्वारा निर्मित “कोवैक्सिन”I इस समय देश में कई अन्य वैक्सीनों (टीकों) का विभिन्न चरणों में निर्माण और चिकित्सकीय परीक्षण चल रहा हैI

मैसर्स डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज लिमिटेड (मैसर्स डीआरएल) ने रूस के मैसर्स गामालेया इंस्टीटयूट द्वारा विकसित गाम-कोविड-वैक, जिसे स्पुतनिक-V भी कहा जाता है, के आयात और उसकी बिक्री के लिए अनुमति मांगी हैI गाम-कोविड- वैक कंबाइंड वेक्टर वैक्सीन (घटक I और घटक II) का विकास रुस के स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपीडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी, मॉस्को, रशिया ने किया हैI इस वैक्सीन को विश्व के 30 देशों में स्वीकृति मिली हुई है I

मैसर्स डीआरएल ने इस वैक्सीन की भारत में बिक्री की  नियामक  अनुमति के लिए आयात हेतु रुसी संघ के स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपीडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के साथ सहयोग किया हैI रूस में इस वैक्सीन की सुरक्षा प्रतिरक्षाजनत्व (सेफ्टी इम्यूनोजेनेसिटी) और प्रभावशीलता  के तीसरे चरण (फेज III) के अन्तरिम चिकित्सकीय परीक्षणों को लांसेट जर्नल में प्रकाशित किया गया हैI

मैसर्स डीआरएल को देश में चरण II / III के चिकित्सकीय परीक्षण करने की अनुमति दी गई थीI इस कम्पनी ने तदनुसार देश में दूसरे और तीसरे चरण के चिकित्सकीय परीक्षण करने के बाद  अपने अन्तरिम आंकड़े दे दिए हैंI त्वरित नियामक प्रत्युत्तर के रूप में सीडीएससीओ इस विषय पर विशेषज्ञ समिति (एसईसी) के साथ विचार विमर्श करते हुए इन चिकित्सकीय परीक्षणों से प्राप्त आंकड़ों का निरंतर आकलन कर रही हैI इस समिति में फुफ्फुस विज्ञान (पल्मोनोलॉजी), प्रतिरक्षण विज्ञान (इम्युनोलॉजी), सूक्ष्मजीव विज्ञान (माइक्रोबायोलॉजी), औषधविज्ञान (फार्माकोलॉजी), बालरोगचिकित्सा (पीडियाट्रिक्स), आतंरिक औषधि के विद्वान और विशेषज्ञ शामिल हैंI

एसईसी ने सुरक्षा, प्रतिरक्षाजनत्व (इम्यूनोजेनेसिटी), विदेशों में हुए चिकित्सकीय अध्ययनों के प्रभावशीलता आंकड़ों, लक्षणों, आयु वर्ग, दवाई देने का क्रम, सावधानियां, भंडारण, चेतावनियाँ, विशेष महत्व के प्रतिकूल प्रभावों, जोखिम लाभ मूल्यांकन, प्रस्तावित तथ्य सारणी, पीआई, एसएमपीसो इत्यादि के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विस्तृत विचार विमर्श कियाI एसईसी ने रूस में शर्तों/ प्रतिबंधों के  साथ इस वैक्सीन को स्वीकृति की भी समीक्षा कीI समिति ने यह पाया कि भारत में हुए अध्ययनों के बाद कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराए गए सुरक्षा एवं प्रतिरक्षाजनत्व (इम्यूनोजेनेसिटी) आंकड़े रूस से चरण III के चिकित्सकीय परीक्षणों के अन्तरिम आंकड़ों से मेल खाते हैं I

इन सब पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद एसईसी ने आपातकालीन स्थितियों में इस वैक्सीन को सीमित उपयोग के लिए अनुमति जारी की जो विभिन्न नियामक प्रावधानों को मानने के बाद ही अनुमन्य होगीI

यह वैक्सीन ≥ 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए कारगर है I इस टीके की 0.5 मिलीलीटर की दो इंट्रामस्कुलर  खुराकें इंजेक्शन के माध्यम से 21 दिन के अंतराल पर दी जाएंगी I (शून्य दिवस : घटक (कम्पोनेंट) तथा 21वां दिन : घटक (कम्पोनेंट) II )I इस टीके (वैक्सीन) का भंडारण -18 डिग्री  (शून्य से 18 डिग्री नीचे)  सेल्सियस तापमान पर ही किया जा सकेगाI इस टीके के दो (क्म्पोनेट) घटक I और II हैं जिनकी अदला-बदली नहीं हो सकतीI हर पहलू पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद भारतीय औषध महानियंत्रक ने विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। अब मैसर्स डीआरएल इस टीके का भारत में आयात करेगी I

 

Edited by- Thakur Varun Kumar

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