नया साल यह केवल एक नई शुरुआत ही नहीं, यह हमें निरंतर आगे बढ़ने की, नित नया कुछ न कुछ सीखने की सीख भी देता है: प्रो. त्रिलोक नाथ झा 

नया साल यह केवल एक नई शुरुआत ही नहीं, यह हमें निरंतर आगे बढ़ने की, नित नया कुछ न कुछ सीखने की सीख भी देता है: प्रो. त्रिलोक नाथ झा 

जे टी न्यूज, कुर्साकांटा :

वैसे तो पूरी दुनिया में नया साल अलग-अलग दिन मनाया जाता है और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में भी नए साल की शुरुआत अलग-अलग समय होती है। लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत मानी जाती है, क्योंकि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 31 दिसंबर को एक वर्ष का अंत होने के बाद 1 जनवरी से नए कैलेंडर वर्ष की शुरुआत होती है।

 

 

उक्त बात अररिया के नामचीन हस्ती के एन डिग्री कॉलेज बखरी कुर्साकांटा के संस्थापक सह प्रधानाचार्य प्रो. त्रिलोक नाथ झा ने नव वर्ष पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कही। उन्होंने कहा कि नव वर्ष इस दिन को पूरी दुनिया में नया साल शुरू होने के उपलक्ष्य में पर्व की तरह मनाया जाता है।

 

ऐसा माना जाता है कि साल का पहला दिन अगर उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाए, तो पूरा साल इसी उत्साह और खुशियों के साथ बीतेगा। हमें नया साल नई आशाएं, उम्मीदें, नए सपने, नए लक्ष्य और नए आइडियाज की उम्मीद देता है,

 

इसलिए सभी लोग खुशी से इसका स्वागत करते है। 1 जनवरी को नया साल मनाना सभी धर्मों में एकता कायम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है, क्योंकि इसे सभी मिलकर मनाते हैं।

 

31 दिसंबर की रात से ही कई स्थानों पर अलग-अलग समूहों में इकट्ठा होकर लोग नए साल का जश्न मनाना शुरू कर देते हैं और रात 12 बजते ही सभी एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं।नया साल यह केवल एक नई शुरुआत ही नहीं,

 

 

यह हमें निरंतर आगे बढ़ने की, नित नया कुछ न कुछ सीखने की सीख भी देता है। बीते वर्ष में हमने जो भी किया, सीखा, सफल हुए या असफल उससे सीख लेकर, एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। एक तारीख लगते ही नववर्ष लगा जाता है

 

यानी सभी के लिए नए-नए अवसर लेकर आता है, इस दिन हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करके और सच बोलने की भी प्रेरणा देता है।

 

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