साहसिक कदमः सरकारी अस्पताल में व्याप्त वीआईपी संस्कृति पर मेडिकल एसोसिएशन ऑफ फेडरेशन ने किए कड़े रुख अख्तियार

दरभंगाः वीआईपी कल्चर को खत्म करने की मुगाल्फ्त आम अवाम भी करते रहे है। लेकिन इस बार डॉक्टरों ने ही इस वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने की जंग छेड़ प्रधामनंत्री को पत्र लिखकर अपने विचारों व उतपन्न हो रहे समस्याओं से अवगत कराया है। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सह दरभंगा निवासी डॉ अमरनाथ ने अधोहस्ताक्षरित पत्र में स्पष्ट किया है कि कोविड जैसे महामारी के दौर में भी सबसे अग्रणी भूमिका चिकित्सकों ने ही अदा किया है। लेकिन उन तमाम चिकित्सकों के खुद के जीवन की कोई मूल्य नहीं रह गई है।

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चिकित्सक जब संक्रमित होते है तो उन्हें कतारों में खड़े रहकर मजबूर व बेबसी में स्वयं का परीक्षण व आईसीयू की उपलब्धता के राहें बटोरनी पड़ती है। हालांकि बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने तो कोरोना काल मे अपने फर्ज को अदा करते करते शहीद भी हो गए। वहीं एसोसिएशन ने जांच के दौरान पाया कि राजनेता व उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता के दायरे में तमाम सुविधा सुनिश्चित करने – कराने की कार्रवाई की जाती है। केंद्र सरकार के अस्पतालों में वीआईपी काउंटर बनाये जाने का विरोध करते हुए एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ अमरनाथ ने कहा कि राजनेताओं, मंत्रियों व उनके कार्यकत्ताओं समेत अन्य विशेष व्यक्तियों के लिए वीआईपी काउंटर पर सीधे जांच की कार्रवाई हेतु अनुमति प्रदान करने की सुविधा सुनिश्चित कराई जा रही है। वीआईपी काउंटर फॉक्स जांच के लिए उपलब्ध है। वहीं अधिकांश नेता डॉक्टरों को अपने घर पर बुलाते है।

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जबकि चिकित्सा अधीक्षक के द्वारा जारी कोई कानूनी आदेश भी नहीं है। ऐसे में अनोपचारिक रूप से सरकारी सेवा में पदस्थ चिकित्सकों का प्रयोग कर रहे है। जिस कारण आम नागरिकों को मिलने वाली सरकारी सुविधा व समय का उचित प्रयोग में भी कठिनाई उतपन्न होने की संभावना बनी रहती है। एसोसिएशन ने कहा है कि राजनेता , ब्यूरोकेट्स व पार्टी कार्यकर्ताओं को जबरन विशेष सुविधा दिए जाने वाले वीआईपी संस्कृति को समाप्त किये जाने को लेकर कड़े रुख अख्तियार किये है। वहीं बिहार रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विनय कुमार ने फैमा के डॉ मनीष प्रभाकर, डॉ राकेश बागडी, डॉ मनीष जांगर एवं डॉ अमरनाथ के द्वारा वीआईपी संस्कृति पर रोकथाम हेतु पहल की कार्रवाई की सरहाना व समर्थन भी किया है।

 

संपादिकृतः ठाकुर वरूण कुमार 

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