कोरोना का एक भी लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करावें।

बेतिया। जिलाधिकारी, कुंदन कुमार ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस संक्रमण की रोकथाम एवं संक्रमित व्यक्तियों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था आवश्यक है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष बीमारी से निपटने का अनुभव हम लोगों के पास है, पूर्व तैयारी है एवं वैक्सीन भी उपलब्ध है, अतःहम सभी लोगों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन कराना चाहिए। साथ ही कोविड-19 की रोकथाम हेतु जारी निदेशों का अनुपालन करने के लिए आम जन को जागरूक एवं प्रेरित करना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि एक-एक व्यक्ति की जान कीमती है। कोरोना संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों की जान बचानी जरूरी है। सभी अधिकारी, डॉक्टर्स, नर्सेज तथा अन्य कर्मी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन पूरी संजीदगी के साथ करें।

कोरोना जैसी विकट संकट की घड़ी में सभी को समन्वित प्रयास कर आने वाली समस्याओं का समाधान करना है।समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा अधीक्षक, जी.एम.सी.एच. एवं सिविल सर्जन, पश्चिम चम्पारण, बेतिया से जिले में लगातार बढ़ रहे मामले तथा बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने से संबंधित बिंदु पर चर्चा की गई तथा लोगों की जान बचाने के लिए कारगर उपाय सुनिश्चित करने हेतु निदेशित किया गया। इसी क्रम में डाॅ. प्रमोद तिवारी, अधीक्षक, जी.एम.सी.एच., बेतिया द्वारा बताया गया कि कोरोना होने के कई प्रकार के लक्षण हैं, जैसे सर्दी, खांसी, जुकाम, बदन दर्द, शरीर में ऐंठन इत्यादि। हरेक व्यक्ति को इस समय सचेत रहने की आवश्यकता है। इनमें से कोई भी लक्षण आए तो व्यक्ति को बिना समय गंवाए ईलाज कराना चाहिए।लेकिन लोग डिनायल मोड में जाकर लक्षण को दबाते हैं। वे जांच कराने से डरते हैं कि कहीं कोरोना ना निकल जाए। ऐसी स्थिति में रहते हुए जब किन्हीं को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और एस.पी.ओ.2 लेवल काफी कम हो जाता है तब वे ईलाज के लिए आगे आते हैं। इस स्थिति में बचाव करना हर एक के लिए काफी कठिन हो जाता है। डाॅ. अरूण सिन्हा, सिविल सर्जन के द्वारा बताया गया कि इस जिले में बेहतर ईलाज की व्यवस्था की गई है। माइल्ड सिम्पटम के लिए डी.सी.एच.सी. (डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर) की व्यवस्था अनुमंडल स्तर पर तथा जिला स्तर पर डेडिकेटेड कोविड हास्पीटल, जी.एम.सी.एच. में है। लोगों को जरा सा भी किसी भी लक्षण का आभास हो तो उन्हें तुरंत कोरोना टेस्ट कराना चाहिए। अधीक्षक, जी.एम.सी.एच. के द्वारा जानकारी दी गई कि डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में अब तक जो भी मरीज आए हैं, वे 70 से कम एस.पी.ओ. 2 लेवल वाले व्यक्ति आए हैं। कुछ तो 30-35 के लेवल पर भी आए हैं। बावजूद इसके अब तब लगभग 50 से अधिक लोग ठीक होकर वापस गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा इसी प्रकार की निरंतरता बनाए रखना है। उन्होंने अधीक्षक को तत्काल सभी प्रकार की जीवन रक्षक दवाएं की उपलब्धता वर्तमान परिदृश्य को दृष्टिगत रखते हुए करने का निदेश दिया। वहीं यह भी निदेश दिया कि वर्तमाम समय में आक्सीजन का रोल काफी महत्त्वपूर्ण है, इसलिए आक्सीजन बर्बाद ना हो इसके कारगर उपाय करें। इसके साथ ही सभी डाॅक्टर्स का रोस्टर निर्धारित करते हुए, बेड्स की संख्या में वृद्धि के लिए कार्ययोजना तैयार करें। सिविल सर्जन को निदेशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल का लोगों में व्यापक प्रचार प्रसार कराएं। राज्य सरकार सहित भारत सरकारी द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु जन जागरूकता की कार्रवाई कराने का निदेश दिया गया। होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों का अनुश्रवण आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से करावें। साथ ही माइकिंग कर तेजी से फैल रहे संक्रमण के बारे में।लोगों को बताएं एवं मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के पालन हेतु प्रेरित करें। अभी भी ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ लोग कोरोना गाइड लाइन को नजरअंदाज कर रहे हैं। अतः जागरूकता आवश्यक है। सभी लोग अपने परिवारजनों से कोविड के नियमों का पालन कराएं। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, रविन्द्र नाथ प्रसाद सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

Edited By :- savita maurya

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