आज 6 जुलाई है और वर्ष 1997 की बात है, जब लालू प्रसाद यादव जनता दल पार्टी की सरकर के मुख्यमंत्री थे

बिहार:-

 बिहार में लालूजी के नेतृत्व में सामाजिक न्याय की आंधी चल रही थी। बिहार के अंदर ऊंच-नीच, छूआ-छूत, धनिक-गरीब, शोषक-शोषित की सीमा समाप्त हो चुकी थी। लालू यादव जी की कार्यशैली से बिहार के 85% जनता की मजबूत समर्थन मिल रही थी। दूसरी तरफ पार्टी के अंदर आधा दर्जन नेताओं को लालूजी को मिल रहे जनसमर्थन और लोकप्रियता से नींद हराम हो चुकी थी। इन नेताओं ने लालू यादव को विरोधियों से मिल कर कमजोड़ करने का हर संभव प्रयास तेज कर दिया था। अंतत: लालू जी को जनता दल से अलग हो कर पार्टी बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

         5 जुलाई 1997 को दिल्ली स्थित बिहार निवास में जनता दल की एक गुट की राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाई गयी और नई पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का उदय हुआ। जिसका प्रथम एवं अभीतक राष्ट्रीय अध्य्क्ष लालू प्रसाद यादव जी हैं।

         जो नेता लोग जनता दल में रह गये और लालू विरोध के भावना से ग्रसित थे सभी बैठक कर एक साथ निर्णय लेकर रेलमंत्री पर दवाव डाला एवं इस पार्टी टूट के गुस्से का इजहार इस अधिवेशन से 6 जुलाई 1997 को दिल्ली से पटना लौट रहे राजद समर्थित कार्यकर्ता को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पुलिस के लाठी दण्डा से पिटवा कर लिया। ज्ञतव्य है कि इस पुलिसवाले लाठी चार्ज में 29 राजद कार्यकर्ता घायल हो गए थे। इस घटना की खबर दिल्ली के बिहार निवास पहूंचते ही लालूजी अधिक से अधिक गाड़ी भेजकर सभी कार्यकताओं को बिहार निवास ले आये। जिसमें घायल सभी कार्यकर्त्ताओं को को डा राम मनोहर लोहिया हॉस्पीटल में भरती कराने का जिम्मा प्रेम गुप्ता जी तत्कालीन राज्यसभा सांसद जी को दी गयी थी।

       लोहिय हॉस्पीटल से एक दिन दो दिन पर रिलिज होते गया। आधादर्जन कार्यकर्ता तीन दिन बाद रिलीज हुआ था, जिसमेंं मधुबनी जिला से हमलोग दो साथी एक मैं राम सुदिष्ट यादव मधुबनी शहर और रामचन्द्र यादव खजौली प्रखण्ड के निवासी थे। हलाकि रामचन्द्र यादव जो गृह रक्षा वाहिनी के प्रांत के नेता भी थे, को हमसे दो-तीन पुलिस का डण्डा अधिक लगा था। वे शारिरीक रुपसे अधिक कमजोड़ रहने के कारण बीमार रहने लगा और तीन साल बाद हमलोगों को छोड़कर इस दुनिया से विदा हो गए। मुझे हम उम्र संघर्ष के साथी खो देने का अफसरो सदैव याद आता रहता है। ईश्वर उनके परिजन बच्चे लोगों को सदैव ख़ुशहाली बनाए रखें।

           लालू प्रसाद यादव और राष्ट्रीय जनता दल आज भी बिहार की राजनीति में सबल प्रथम धूरी बना हुआ है। आज भी बिहार की राजनीति लालू यादव के पक्ष या लालू यादव के विरोध एवं सामाजिक न्याय वर्ग के नेतृत्व पर केन्द्रीत है।

          वहीं जनता दल के नेता जिन्होंने ईमानदारी कार्यकर्ताओं को पुलिसवाले से पिटवा कर धोखाधड़ी की और जनता के भावनाओं को नही समझने वाले वे अधिकांशत: गर्दिश में चले गये। यह अलग बात है कि वे व्यक्तिगत अर्थव्यवस्था में सबल हो गए। लेकिन जनता की नजर से कोषों दूर चले गए। आज जरूरत है समाजवादी विचार, पारदर्शीता और नीति घर में और बाहर एक जैसा मापदण्ड को मजबूत करने का।…राम सुदिष्ट यादव समाजवादी विचारक मधुबनी बिहार।

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