*विश्वविद्यालय जंतु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित इंटरनेशनल ई – कांफ्रेंस का उद्घाटन संपन्न*
आरके राय/जे टी न्यूज

दरभंगा:: विश्वविद्यालय जंतु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित ‘ रिसेंट एडवांसेज इन लाइफ साइंसेज विथ रेफरेंस टू डिसीजेस,डिसऑर्डर्स एंड एडेप्टेशंस ‘ विषयक
द्विदिवसीय इंटरनेशनल ई- कांफ्रेंस का उद्घाटन जुबली हॉल में प्रो० सुरेंद्र प्रसाद सिंह, माननीय कुलपति , प्रो० डॉली सिंहा, माननीया प्रतिकुलपति महोदया, श्री कैलाश राम, वित्त परामर्शी एवं डॉ० मुश्ताक अहमद, कुलसचिव सहित सभी मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। आगत अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया। वि० वि० संगीत एवम् नाट्य विभाग द्वारा कुलगीत की प्रस्तुति के उपरांत अब्स्ट्रैक्ट संग्रह का विमोचन एवं तदुपरांत प्रो० विमलेंदु शेखर झा , विभागाध्यक्ष सह विज्ञान संकायाध्यक्ष सह आयोजन समिति के अध्यक्ष के द्वारा सभी उपस्थित गणमान्य अतिथियों एवं ऑनलाइन रूप से जुड़े सभी सम्मानित वक्ताओं का स्वागत किया गया ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कांफ्रेंस हेतु समसामयिक विषय के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की एवं उत्तरोत्तर बेहतर प्रयास करने का परामर्श दिया। उन्होंने आने वाले दो दिनों में तकनीकी सत्रों के दौरान वैचारिक आदान- प्रदान से प्रतिभागियों के भरपूर लाभान्वित होने के प्रति आशा जताई।
विभाग के वरीय प्राचार्य सह समन्वयक प्रो०
एम० नेहाल ने सारगर्भित रूप से कांफ्रेंस की विषय वस्तु का प्रतिपादन किया।
कुलसचिव महोदय डॉ० मुश्ताक अहमद ने वर्तमान कांफ्रेंस को बहुमंडलीय एवं कोरोना महामारी के कठिन दौर में शैक्षणिक परिदृश्य में अपेक्षित गतिशीलता प्रदान करने में समर्थ बताया।
वित्त परामर्शी श्री कैलाश राम ने कांफ्रेंस हेतु चयनित विषय पर आगे भी चर्चा की सम्मति दी।उन्होंने विभिन्न शारीरिक व्याधियां एवं विसंगतियों के निवारणार्थ आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार पर भी बल दिया।


संगठन सचिव डॉ० पारुल बनर्जी ने देश विदेश से बड़ी संख्या में स्तरीय शोध सारांश एवं शोध पत्र प्राप्त होने की जानकारी दी तथा दो दिनों के अभयंतर संपन्न होने वाले सभी तकनीकी सत्रों के विषय वस्तु एवं प्रमुख वक्ताओं के नामों को उल्लेखित किया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीया प्रतिकुलपति प्रो० डॉली सिंहा ने विश्वव्यापी कोरोना संकट के दूसरे चरण के पश्चात अति शीघ्र प्रासंगिक एवं समय सापेक्ष विषय पर आयोजित ई कॉन्फेंस में भारत के विभिन्न भागों से प्रख्यात वैज्ञानिकों एवं इस विश्विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र रहे एवं वर्तमान में अमेरिका के विभिन्न उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थानों में पदस्थापित विद्वानों को आमंत्रित करने हेतु विभाग को बधाई दी। ह्यूमन जीनोम परियोजना एवं इससे हुए फायदों की विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने आने वाले समय में बायोमॉलिक्यूल्स, बायोसिस्टम्स, बायोमेडिसिन तथा बायोकंप्यूटिंग के उभरते क्षेत्रों में गहन शोध की अपरिमित संभावनाओं को रेखांकित किया।

 हिंदू विश्वविद्यालय के जंतुविज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष तथा संप्रति वहीं ब्रेन एजिंग आधारित अनेक शोध परियोजनाओं से जुड़े प्रो० महेंद्र कुमार ठाकुर ने ऑनलाइन मोड में ‘एजिंग ब्रेन एंड कॉग्निटिव डिसोर्डर्स ‘ विषय पर बीजभाषण प्रस्तुत किया। पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिए उन्होंने मस्तिष्क की कार्यपद्धति, डिमेंशिया एवं अल्जाइमर डिजीज समेत अन्य विसंगतियों के कारणों,उनके दुष्प्रभाव एवं इससे बचने के उपायों की विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम में विभाग के छात्र छात्राओं, शोध प्रज्ञों ने मंच संचालन से लेकर उद्घाटन सत्र में भाग लिया और राष्ट्र गान के साथ इस सत्र का समापन हुआ। श्री गणेश पासवान ने ऑनलाइन कार्यक्रमों के सफल संचालन में विशेष तकनीकी सहयोग दिया।
उद्घाटन सत्र के बाद पहले दिन के तकनीकी सत्रों में विशिष्ट वक्ताओं द्वारा शोध पत्रों की ऑनलाइन
प्रस्तुति की गई।

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