दिल्ली में संगठन को मजबूत करने चुनावों की तैयारियों को लेकर राहुल गांधी ने की प्रदेश नेतृत्व से मुलाकात।

जे टी न्यूज़ दिल्ली :-

राहुल गाँधी इन दिनों संगठन को धार देने के लिए पहल कर रहे है। प्रदेश में अपने संगठन के प्रदेश नेतृत्व से मुलाकात कर संगठन को नया रूप देने में जुट गए है। दिल्ली में संगठन को मजबूत करने और दिल्ली नगर निगम चुनावों की तैयारियों को लेकर मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से मुलाकात की। दिल्ली में कभी लगातार 15 साल तक सत्ता में रह चुकी कांग्रेस की बदहाल स्थिति दूर करने को लेकर ऐसी चर्चाएं अत्यंत आवश्यक हैं। इस मुलाकात के दौरान जहां राहुल गांधी ने प्रदेश के नेताओं से निगम चुनाव की तैयारियों का रोड मैप मांगा, वहीं संगठन के कमजोर होने के कारणों पर भी विचार विमर्श किया। उन्होंने प्रदेश के नेताओं को आपसी मनमुटाव भूलकर एकजुट होने का संदेश दिया और सख्त लहजे में यह भी कहा कि जो जिलाध्यक्ष या ब्लाक अध्यक्ष काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें हटा दिया जाए।

विधानसभा चुनाव में करारी हार के डेढ़ साल बाद की गई यह बैठक वास्तव में चुनाव के तुरंत बाद होनी चाहिए थी, ताकि तभी पार्टी की हार और संगठन के कमजोर होने के कारणों का विश्लेषण कर हालात सुधारने के प्रयास किए जाते। लेकिन, ऐसा प्रतीत होता है जैसे प्रदेश कांग्रेस को मजबूत करने और भविष्य की चुनावी लड़ाइयों के लिए तैयार करने की किसी स्तर पर कोई इच्छाशक्ति ही नहीं थी।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने शीला दीक्षित के नेतृत्व में राजधानी दिल्ली में लगातार तीन बार सत्ता हासिल की थी और सत्ता छिन जाने के बाद पार्टी इस तरह बिखर गई कि बीते दो विधानसभा चुनावों में जीतना तो दूर, पार्टी के अधिकतर प्रत्याशी चुनाव लड़ते भी नहीं नजर आए, जो दर्शाता है कि उनके पीछे संगठन कहीं नहीं था। यही नहीं, प्रदेश में कई बड़े नेता पार्टी छोड़ भी चुके हैं। कांग्रेस का राष्ट्रीय राजधानी में यह हश्र दुर्भाग्यपूर्ण है। पार्टी आलाकमान और प्रदेश में नेतृत्व संभाल रहे नेताओं को इसे गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि एक पुरानी और बड़ी पार्टी की यह स्थिति लोकतंत्र की मजबूती के लिए कतई उचित नहीं है।

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