बिहार में शराब माफियाओं का है राज :- अभिजीत सिंह
बिहार में शराब माफियाओं का है राज :- अभिजीत सिंह
शराबबंदी सरकार के कमाई का एक जरिया बन चुकी है : जाप नेता
जेटी न्युज , मोतिहारी
बिहार में शराबबंदी पूरी तरह विफल है।पूरे राज्य में आज शराब माफियाओं का राज है।शराबबंदी लागू होने के बाद भी बिहार में सभी जगह चोरी छुपे शराब बिक रही है।उक्त बातें जाप के प्रदेश प्रवक्ता सह ढाका विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अभिजीत सिंह ने बीते तीन दिनों में बिहार में जहरीली शराब से 41 लोगो की मौत के बाद शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कही।उन्होंने कहा कि शराबबंदी सरकार के कमाई का एक जरिया बन चुकी है।ये सरकार मजदूर एवं गरीबों का नरसंहार करने का एक माध्यम बन चुका है।72 घंटों में 41 मौत यह साबित करती है कि सरकार की शराब बंदी में पूरी तरीके से विफल हो चुकी है।सरकार ने जहां बिहार को 4000 करोड़ रुपए का राजस्व का घाटा सहने को विवश कर रही है।वहीं सरकार के लोग और सरकार की प्रशासन 8000 करोड रुपए की काली कमाई कर रही है।
नीतीश जी बताएं कि शराब कहां से आ रही है और जो उन्होंने कहा की पर्व के बाद वो समीक्षा करेंगे क्या वे इस बात की भी समीक्षा करेंगे कि जिस मंत्री के स्कूल में और घरों में शराब मिला था , अभी तक वह मंत्रिमंडल में क्यों बने पड़े हैं।क्या उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाएगा।क्या गोपालगंज, बेतिया और समस्तीपुर के डीएम व एसपी के ऊपर कार्रवाई होगी।केवल थानेदार को लाइन हाजिर कर देने से क्या इस समस्या का हल हो जाएगा।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्होंने खुद अपनी पिछली सरकार में पंचायतों में शराब की दुकानें खुलवा के लोगों को शराब पिलाना सिखाया। अगर उनको इसके ऊपर सचमुच सही पहल करनी है तो पहले एक ऐसा अभियान चलाएं जिसमें विधायक की और पुलिस प्रशासन का मेडिकल चेकअप हो कि वह कितने लोग शराब पीते हैं, और कितने विधायक और सांसद का झारखंड और बॉर्डर के एरिया में दूसरे प्रदेशों में शराब का कारोबार चल रहा है।
यह शराब कौन बिहार में पहुंचा रहा है।इस कारोबार के छोटी मछलियों को छोड़ प्रशासन को बड़ी मछलियों को पहले पकड़ना होगा।आज जेल में बंद जितने भी लोग हैं उसमें 99% लोग गरीब मजदूर और छोटे तबके के हैं।नीतीश कुमार का शराबबंदी पूरी तरीके से विफल है, और यह केवल और केवल ढकोसला है यह चार हजार करोड़ रुपए का और 8000 करोड़ सत्ताधारी अपने पेट में रखने का काम कर रही है।