किसानों के और भी संघर्ष है काले कानूनों की वापसी को छोड़कर

किसानों के और भी संघर्ष है काले कानूनों की वापसी को छोड़कर

 

जे टी न्यूज़, बेतिया

बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसान विरोधी तीनों काले कानूनो की वापसी की घोषणा 19 नवम्बर गुरु नानक जयंती के दिन 16 मिनट की राष्ट्र के नाम संदेश के द्वारा कर दी । उन्होंने कहा कि इसी लोक सभा सत्र में कानून वापस करेंगे ।

उन्होंने एम एस पी को कानूनी दर्जा देने के संदर्भ में एक कमिटी बनाकर उस पर निर्णय लेने की बात कही । प्रधानमंत्री जी की यह राय एम एस पी को कानूनी दर्जा में टाल मटोल का लगता है । जब 2011 में एम एस पी के लिए एक कमिटी बनाई गई थी । जिसका अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री को बनाया गया था । जिसमें अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है । तो इच्छाशक्ति को मजबूत कर अपने एक दस्तखत से प्रधानमंत्री जी एम एस पी को कानूनी दर्जा क्यों नहीं दे देते ।

दूसरा सवाल यह कि स्वामीनाथन कमीशन की अनुसंशाओ के आधार पर सी 2 + 50% यानी फसल में लागत का डेढ़ गुणा दाम के लिए नीतियां क्यों नहीं लागू की जाती । 2020 बिजली बिल को वापस क्यों नहीं ले लेते । क्यों नहीं 4 श्रम संहिता की वापसी भी कर देते ।

यह आन्दोलन सिर्फ किसान आन्दोलन नहीं , बल्कि किसान मजदूर आन्दोलन बन गया है । जिसे छात्रों और नौजवानों का मजबूत समर्थन है । यह आन्दोलन नहीं रुकेगा , यह जायेगा खेतों तक , खलिहानों तक , कारखानों तक , खद्दानों तक , पसीना रोपते हाथों तक । यह बो आएगा , सुर्ख मिट्टी में अपना लहू और लिख डालेगा सुखी रोटियों पर इंकलाब को लाल सलाम।

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