बिहार राज्य में अभियंत्रण महाविद्यालय उच्च डिग्री धारक छात्र बिहार सरकार के उपेक्षा के है शिकार खा रहे दर दर की ठोकर

बिहार राज्य में अभियंत्रण महाविद्यालय उच्च डिग्री धारक छात्र बिहार सरकार के उपेक्षा के है शिकार खा रहे दर दर की ठोकर

जे टी न्यूज़

समस्तीपुर : बिहार राज्य में अभियंत्रण को बने हुए 60 साल पूर्ण हो चुके हैं साथ ही साथ कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के स्थापना के तकरीबन 40 साल पुरे हुए। बिहार राज्ये अंतर्गत कॉलेज 30 वर्ष पूर्व के है परंतु कतिपय कारणों से 1 राज्यों की अपेक्षा के शिकार है। कृषि अभियंत्रण संभाग विकास विभाग पूर्ण आयाम को किसानों तक पहुंचाने में असफल है। आज तक समस्या उत्पन्न हो रही है मुख्य कारण है कृषि। लगभग सभी 11-12 संकाय के द्वारा स्वतंत्र कार्य करने परंतु कृषि अभियंत्रण के कार्स में सुंदरता नहीं होने एवं विभागों के द्वारा खासकर कृषि स्नातक के द्वारा कब्जे की स्थिति के कारण इस संभाग का बुरा हाल है। अन्य राज्य जैसे तमिल नाडु, राजस्थान, पंजाब की तरह नहीं हो पा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि कृषि विभाग की कृषि अभियंत्रण की विभिन्न योजनाओं को तोड़ तोड़ कर अलग-अलग विभागों में बांट दिया गया है।

जिसके कारण कृषि रोडमैप के बनने के बावजूद भी कृषि यंत्रों का वितरण तो हो पाया लेकिन उसके हिसाब से कृषि प्रबंधन के संपूर्ण यंत्र समाधान के विषय में किसी भी जिले के किसी भी प्रमंडल में विकास नहीं हो पाया। सभी कृषि अभियंत्रण के छात्र हर साल इस महाविद्यालय से पास होने के बाद उच्च डिग्री हासिल करने के उपरांत भी रोजगार के लिए अन्य राज्यों में दरबदर भटक रहे हैं परंतु कृषि विभाग के द्वारा लगातार जारी अधिसूचना में पहचान एक्जिस्टेंस को नकारा जा रहा है तथा यंत्र को सोचकर किसी भी तरह का पॉलिसी एवं नहीं लिया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है आज के तकनीकी संसाधन होने के बावजूद भी राज्य की समस्याओं के निदान में अपना योगदान करने में असमर्थ हो रहे हैं।
जबकि हमारी सेवाएं येन केन प्रकारेण विभाग के विभाग में।ली जा रही है जो कि सब स्टैंडर्ड हैं खानापूर्ति या कार्ड को समाप्त करने के लिए है। एक दिशा के साथ सभी छात्रों के भविष्य एवं आज में कृषि अभियंत्रण के विकास को ध्यान में रखते हुए अंतरण के सब समेकित करते हुए कृषि अभियंत्रण संभाग को तंत्र संभाग बनाते हुए भविष्य के विभिन्न स्थानों में खाली जगह को जल्द से जल्द भरने का सरकार कार्य करें। चुनावी वादों के अनुसार रोजगार परक सरकार क्या अपने वादे को पूर्ण करें अभी हाल ही में कृषि विभाग में निर्णय लिया की इंटर स्तर पर कृषि का पढ़ाई स्कूलों में किया जाएगा इस संबंध में परंतु उस नियमावली में भी स्थान नहीं दिया गया। जबकि संपूर्ण देश कौशल विकास की तरफ विभिन्न योजनाओं एवं संबंधित संस्थाओं को मजबूत कर रहे हैं। जहां कृषि प्रधान राज्य हर इंटर कॉलेज में कौशल विकास को सिखा सकता है एवं उसका बढ़ावा पंचायत स्तर तक दे सकता है।

यह जानकर भी अधिसूचना में उनको अस्थान नहीं देना सरकार की दूरदर्शी सोच के खिलाफ है। कई महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण योजनाओं तथा जल जीवन हरियाली हर खेत को पानी प्रधानमंत्री सूची सिंचाई योजना कृषि में खाद्य प्रसंस्करण की योजना कृषि में भंडारण सहकारिता विभाग के अंतर्गत कई सारी योजनाएं जो कि आधारभूत संरचनाओं से संबंधित है। इसे येन केन प्रकारेण समाप्त करने की बजाय राज्य में इसकी उपेक्षा की जा रही है।

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