कर्पूरी ठाकुर: संक्षिप्त जीवन सफर

कर्पूरी ठाकुर: संक्षिप्त जीवन सफर
(24.01.1924-17.02.1988)

जन्म: 1924 में पितौझिया गांव में । सम्प्रति कर्पूरीग्राम के नाम से प्रचलित।
शिक्षा: गांव के स्कूल तिरहुत एकेडमी से 1940 में मैट्रिक। 1942 में एम कॉलेज, दरभंगा से आई.ए.सी.।
जेल: पहली बार स्टुडेन्ट फेडरेशन के सचिव की हैसियत से भाषण देने के आरोप में कोर्ट द्वारा एक दिन का जेल और पचास रुपये का जुर्माना ।
दूसरी बार 1942 के अगस्त आन्दोलन में गिरफ्तारी।27 महीने भागलपुर सेन्ट्रल जेल में रहे। तीसरी बार आपातकाल की पूरीअवधि में फरार रहकर सम्पूर्ण क्रान्ति आन्दोलन को गति प्रदान की।
विधायक: 1952 से जीवन पर्यंत।
सरकार में :1967 में पहली बार संयुक्त विधायक दल सरकार में उपमुख्यमंत्री, 1971 में पहली बार मुख्यमंत्रीऔर 24 जून 1977 को दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने।
नेता प्रतिपक्ष:1980,1985।
पार्टी: सोशलिस्ट पार्टी,संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी एवं लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले आंदोलन में विधायक पद से इस्तीफा।
भाषा ज्ञान: हिन्दी अंग्रेजी,उर्दू,बंगाला,नेपाली मैथिली आदि भाषाओं में साधिकार पकड़।
उपलब्धियां: 11नवम्बर 1978 को सरमाजिक समरसता एवं सामाजिक न्याय के हित में समाज के कमजोर वर्ग के पुरुष एवं महिलाओं को आरक्षण दिया । गरीबों के हित में पांच एकड़ तक कीजमीनकी मालगुजारी माफीऔर पुल-पुलिया पर वाहनों पर लगनेवाला टैक्स माफ किया।
निधन:12 फरवरी 1988 को निधन।

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