रक्‍सौल अनुमंडल के सभी थानों में जब्त गाडिय़ां सड़ गई 40 सालों से नहीं हुई नीलामी

रक्‍सौल अनुमंडल के सभी थानों में जब्त गाडिय़ां सड़ गई 40 सालों से नहीं हुई नीलामी


जेटी न्यूज
रक्सौल पूर्वी चंपारण- स्थानीय अनुमंडल क्षेत्र के सभी थानों में प्रशासन द्वारा सीज की गई नई- नई गाड़ियां सड़ रही हैं। विगत 40 वर्षों से इनकी नीलामी नहीं हुई है। किसी का केस फाइनल नहीं हुआ है तो किसी का मूल्यांकन पूरा नहीं हुआ है। किसी का सबकुछ ओके हो गया तो गाड़ी ढांचा मात्र बनकर रह गई है। न इंजन है, न चेसिस। उन्हें ले जाना भी संभव नहीं है। पूर्वी चंपारण के नेपाल सीमा से सटे रक्सौल, आदापुर, रमगढ़वा और छौड़ादानो थाने में करीब पांच हजार गाडिय़ां कबाड़ में तब्दील हो गईं। इनमें 200 से अधिक नेपाली भी हैं। बार्डर इलाका होने के कारण अधिकतर वाहन तस्करी, चोरी, शराब ढुलाई में पकड़ी गई हैं। कुछ दुर्घटना में भी जब्त की गई हैं। करोड़ों के राजस्व की हो सकती प्राप्ति : इन वाहनों को न्यायिक प्रक्रिया के उपरांत नीलाम करने का प्रविधान है। पकड़े गए वाहन अगर समय से नीलाम किए जाएं तो करोड़ों रुपये राजस्व की प्राप्ति होगी, लेकिन नियमों के पेच से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसी स्थिति रक्सौल अनुमंडल क्षेत्र के सभी थानों की है।

 

दो सौ वाहनों की नीलामी : दूसरी ओर नेपाल के बारा जिले में कथैया, बीरगंज, धोबिनी और सुगौली पटेरवा थानों में भी भारतीय गाडिय़ां जब्त हैं, लेकिन वहां प्रति सप्ताह गाडिय़ों की नीलामी कर दी जाती है। सात माह में 200 गाडिय़ों की नीलामी की गई है। इसमें चार स्कार्पियो है। अभी 145 वाहन नेपाली थानों में जब्त हैं। भारतीय गाडिय़ों को अक्सर नेपाली लोग अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीद लेते हैं। बाद में कागजात दुरुस्त कराकर भारतीय क्षेत्र में भेज दिया जाता है। नेपाल में आपराधिक मामलों और नार्कोटिक्स के साथ जब्त वाहनों को पुलिस विधि सम्मत कार्रवाई करती है।

 

त्वरित अनुसंधान और जांच कर साक्ष्यों को प्रस्तुत करती है। अन्य मामलों में जब्त वाहनों को नेपाल राजस्व अनुसंधान विभाग और नेपाल कस्टम खुला नीलाम कर देती है। इसके लिए सात से 10 दिन समय सीमा निर्धारित है।विशेष परिस्थिति में एक माह के अंदर नीलाम कर दिया जाता है। रक्सौल थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर कहते हैं, जब्त वाहनों को तब तक नीलाम नहीं किया जा सकता, जब तक न्यायिक प्रक्रिया समाप्त नहीं हो जाती। वाहन का मूल्यांकन उसकी स्थिति के अनुसार जिला यातायात अधिकारी करते हैं। प्रक्रिया पूरा करने में समय लगता है, जिससे वाहनों की नीलामी नहीं हो सकी है।

नेपाल के पर्सा जिला डीएसपी सह पुलिस प्रवक्ता ओमप्रकाश खनाल कहते हैं कि नेपाल कानून के मुताबिक त्वरित कार्रवाई करते हुए गाडिय़ों की नीलामी कर दी जाती है, जिससे अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होती है।

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