पूर्व विधायक रामदेव वर्मा का अंतिम संस्कार संपन्न

पूर्व विधायक रामदेव वर्मा का अंतिम संस्कार संपन्न


जे टी न्यूज़

पटना /समस्तीपुर: कॉमरेड रामदेव वर्मा का अंतिम संस्कार आज समस्तीपुर में संपन्न हो गया। कल लंबी बीमारी के बाद पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उसके बाद कृष्णानगर स्थित उनके आवास पर उनका शव रखा गया, जहां बड़ी संख्या में आये कम्युनिस्ट नेताओं, कार्यकर्ताओं ने उनके प्रति अपनी संवेदना प्रकट की।
आज सुबह 10 बजे अंतिम दर्शन के लिए उनके शव को छज्जूबाग भाकपा–माले , विधायक दल कार्यालय में ले जाया गया जहां पार्टी की ओर से उनके सम्मान में सभा रखी गई। तत्पश्चात उनके शव को बिहार विधानसभा ले जाया गया और वहां से समस्तीपुर के लिए उनकी अंतिम यात्रा निकली। जहां आज उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।

 


रामदेव वर्मा CPI M के टिकट पर समस्तीपुर के विभूतिपुर से 6 बार विधायक चुने गये थे। उनकी पत्नी मंजु प्रकाश भी बक्सर से दो टर्म विधायक रही हैं।
रामदेव वर्मा की गिनती बिहार के प्रतिष्ठित कम्युनिस्ट नेताओं में की जाती है। वे कैंसर से पिछले कई वर्षों से पीड़ित थे.पटना स्थित अपने आवास के पास ही हॉस्पिटल में 80 वर्ष की अवस्था में उन्होंने आखिरी सांस ली। माकपा में रहते हुए समस्तीपुर के विभूतिपुर से वे 6 बार विधानसभा सदस्य चुने गए थे। पिछले दिनों उन्होंने अपनी पत्नी, पूर्व विधायक मंजु प्रकाश व सैकड़ों वामपंथी कार्यकर्ताओं के साथ भाकपा–माले की सदस्यता ग्रहण की थी।
राजेंद्र कॉलेज छपरा से रामदेव वर्मा ने अपनी पढ़ाई समाप्त करने के बाद 1969 में कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)की सदस्यता प्राप्त कर सामन्ती जुल्म के खिलाफ संघर्ष में शामिल हो गए।जल्द ही बिभूतिपुर के नेतृत्वकारी भूमिका की जिम्मेदारी निभाने लगे। 1978 में पतैलिया पंचायत से सीपीआई एम की ओर से मुखिया का चुनाव जीते।वे पटैलिया गांव के रहने वाले थे।

1980 में बिभूतिपुर विधानसभा से पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और वे चुनाव जीते।1985 में मामूली वोट के अंतर से चुनाव हार गए।पुनः1990-1995-2000-2005-2010 में लगातार चुनाव जीतते रहे।कुल 26 वर्ष विधायक रहे।2005 में दो बार चुनाव हुआ और दोनों बार जीते थे।सीपीआई एम की ओर से तीन बार लोकसभा के उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़े लेकिन इसमें उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा। हालांकि उन्हें सम्मान जनक वोट प्राप्त किये।मुखिया से लोकसभा तक कुल सीपीआई एम की ओर से 12 बार उम्मीदवार बने।उन्होंने हमेशा गरीब किसान मजदूरों भूमहीनों की आवाज सदन में मजबूती से उठाया। पार्टी को मजबूत बनाने में लगे रहे। सामन्ती जुल्म की घटनाओं की उन्होंने हमेशा मुखालफत की। गरीबों भूमिहीनों के सवालों पर संघर्षों करते उनका पूरा जीवन गुजरा। सीपीआईएम राज्य सचिव मण्डल के सदस्य और जनसंगठन के राज्य अध्यक्ष भी वे रहे।उन्होंने अपने जीवन मे बिहार के बंटवारा का सवाल सहित दो तीन पुस्तक भी लिखीं।कॉमरेड वर्मा एक प्रखर वक्ता,संगठनकर्त्ता व संघर्ष के नेता रहे।
बिभूतिपुर विधायक अजय कुमार ने रामदेव वर्मा का स्मरण करते हुए कहा कि उनके निधन से बिहार के कम्युनिस्ट आंदोलन को
अपूर्णीय क्षति हुई है।मैं उनके स्मृति को सिद्दत से याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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