पटना उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण फैसले से कुलपति समेत विश्वविद्यालय प्रशासन को झटका

पटना

उच्च न्यायालय के माननीय न्यायधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने एक याचिका में डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पूसा के कुलपति समेत छ: लोगों के खिलाफ एक फैसले से विश्वविद्यालय को भारी झटका लगा है। विश्वविद्यालय के सस्य विभागाध्यक्ष डॉक्टर देवेंद्र सिंह का तबादला ऐसे स्थान पर कर दिया गया था जहां इनका पद ही नहीं था। इनके स्थान पर ऐसे कनीय डॉक्टर हरेंद्र सिंह को पद स्थापित कर दिया था। जिसके खिलाफ 15 दिसंबर 2021 को डॉ देवेंद्र सिंह ने

डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव (कुलपति) डॉ राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, डॉक्टर हरेंद्र सिंह कुलसचिव, समेत विश्वविद्यालय को पटना उच्च न्यायालय पटना में याचिका दायर किया गया था। जिसकी याचिका संख्या 2081 / 2021 है। माननीय पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में यह माना कि विश्वविद्यालय में व्यक्तिगत द्वेष एवं भेदभाव के कारण डॉ देवेंद्र सिंह का पदस्थापन ऐसे जगह किया गया है जहां इनके इस स्केल का कोई पद ही नहीं है।

डॉक्टर देवेंद्र सिंह के जगह कनीय लोगों का पद स्थापन कर विश्वविद्यालय में अराजकता फैलाने एवं नियमानुसार 3 वर्ष पूरा नहीं होना भी बताया। माननीय न्यायधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह भी अपने आर्डर शीट में लिखा है कि 25 जुलाई 21 के बाद बने रहना कुलपति के पद पर असंवैधानिक रूप से हैं। इस फैसले से विश्वविद्यालय प्रशासन समेत माफियाओं में काफी मायूसी छाई हुई है। विश्वविद्यालय प्रशासन एवं माफियाओं के चेहरे पर से मुस्कान गायब है। माननीय न्यायाधीश संजीव प्रसाद शर्मा ने यह भी आदेश दिया है कि डॉ देवेंद्र सिंह के ट्रांसफर को रद्दद करते हुए अपने स्थान पर बने रहेंगे। इस आदेश के आलोक में आज दिनांक 1 जून को डॉ सिंह ने योगदान दिया है।

Related Articles

Back to top button