*अस्तलगामी भास्कर को अर्घ्य संदेश देता है कि क्यों बिहार व भारतीय संस्कृति दुनिया में है अव्वल:- प्रधानाचार्य, प्रो० परवेज अख्तर।*

*अस्तलगामी भास्कर को अर्घ्य संदेश देता है कि क्यों बिहार व भारतीय संस्कृति दुनिया में है अव्वल:- प्रधानाचार्य, प्रो० परवेज अख्तर।*

*लनामिवि दरभंगा:- आज दिनांक 30 अक्टूबर 2022 को लोकआस्था के महापर्व छठ के मौके पर स्थानीय महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय, दरभंगा के प्रधानाचार्य प्रो० परवेज अख्तर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भारतीय इतिहास में प्राचीन इतिहास व मध्यकालीन इतिहास से लेकर आधुनिक इतिहास तक में बिहार ने सदैव विपरित परिस्थितियों में भी दुनिया को राह दिखाने का कार्य किया है चाहे देवताओं की यात्रा हो या ज्ञान का स्रोत। बिहार ने सामाजिक, धार्मिक से लेकर राजनीति में सदैव ज्ञान का उजाला बिखेरा है और सदैव बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों ने अपनी प्रतिभा, क्षमता, संघर्षशीलता और मेहनत का परिचय दिया है और पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया है।

इसी कड़ी में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश ने दुनिया को लोक आस्था के महापर्व छठ की उपासना का संदेश दिया है। यह संदेश साबित करती है कि क्यों भारतीय संस्कृति आज भी दुनिया के किसी भी देशों के संस्कृतियों पर भारी पड़ती है। जब दुनिया उदयगामी भास्कर:- ताकतवर व सामर्थ्यवान लोगों के धारणा व मॉडल को मानती है तो वहीं भारतीय संस्कृति बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश के धरा के माध्यम से यह संदेश देती है कि हम अस्तलगामी भास्कर को भी अर्घ्य देते हैं। यानी कि हमारी भारतीय संस्कृति विपदा में भी सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय के धारणा व मॉडल को मानते हुए समाज में विपदा की घड़ी में भी अस्तलगामी भास्कर व उदयगामी भास्कर दोनों को अर्घ्य देती है।

लोक आस्था के महापर्व छठ दुनिया को यह संदेश देता है कि भारतीय संस्कृति ताकतवर व सामर्थ्यवान लोगों के साथ-साथ कमजोरों, वंचितों व शोषित वर्गों दोनों का सम्मान करती है और दोनों वर्गों के साथ खड़ी रहती है। तो हम गर्व करें कि हम उस बिहार के वासी हैं। अंत में मैं कहना चाहता हूँ कि:-*

*अंधकार चाहे गहरा हो, सात समंदर पार हो।*
*सदा उजाला विजय हुआ है, अगर सत्य आधार हो।।*

*इसी आशाओं व अपेक्षाओं के साथ आप सभी को लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं, मंगलकामनाएं व बधाई।*

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