किसानों के हित में आरसीईपी समझौते से डेयरी और कृषि को पूरी तरह से बाहर रखा जाए: राजद प्रोफ़ेसर एस कुमारी

किसानों के हित में आरसीईपी समझौते से डेयरी और कृषि को पूरी तरह से बाहर रखा जाए: राजद

प्रोफ़ेसर एस कुमारी

समसतीपुर ::-देश में दूध व दूध के उत्पादों का आयात करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (RCEP) में डेयरी सेक्टर को भी शामिल करने की योजना पर राजद ने कड़ा एतराज जताया है l

राजद के राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य व विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा है कि यह समझौता बर्बादी लेकर आएगा। सरकार किसानों की आय दुगनी करने की केवल बात करती है लेकिन अपनी नीतियों के जरिए किसानों को बर्बाद करने पर तुली है, अगर आरसीईपी लागू हो गया तो देश के एक तिहाई बाजार पर न्यूजीलैंड, अमेरिका और यूरोपीय देशों का कब्जा हो जाएगा।

भारत के किसानों को इनके उत्पाद का जो मूल्य मिल रहा है, उसमे ओर गिरावट आ जाएगी।

विधायक श्री शाहीन ने कहा कि ‘आरसीईपी समझौते से करोड़ों दूध उत्पादक किसान बर्बाद हो जाएंगे’ l भारत के किसान दूध के उत्पादन के मामले में आत्म निर्भर है, डेयरी क्षेत्र में आयात की कोई जरूरत नहीं है, भारत दूध उत्पादन के मामले में विश्व में पहले स्थान पर है। भारत में 4.5 % की दर से दूध का उत्पादन बढ़ रहा है l

चार नवंबर को पूरे देश में करीब 250 किसान संगठनों द्वारा इसके विरोध में प्रदर्शन तथा समझौते की प्रतियां जलाने की घोषणा का नैतिक समर्थन करते हुए राजद विधायक ने कहा कि
डेरी उत्पादों को आरसीईपी के दायरे में लाने से देश के 6.5 करोड़ दुग्ध उत्पादन करने वाले किसान प्रभावित होंने जा रहे हैं यह बहुत बड़ी संख्या है l

उन्होंने सरकार से फसलों के एमएसपी स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर लागत का डेढ़ गुना तय करने के साथ ही किसानों की संपूर्ण कर्ज मुक्ति की मांग करते हुए कहा कि हमारी प्रधानमंत्री से मांग है कि किसानों के हित में आरसीईपी समझौते से डेयरी और कृषि को पूरी तरह से बाहर रखा जाए।

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