*तेरी जुदाई*

*तेरी जुदाई*


वो क्या गया हमारी सारी खुशियां ले गया
हमको हमारी राह से अंजान कर गया
था जब करीब वो तो दुनियां हसीन थी
बहारों के सारे रंग अपने साथ ले गया

देखूं जिधर भी मैं तो गम ही नजर है आता
उसके बिना तो दिल मेरा कहीं न लग पाता
हर दुआ में हर सै में बस उसको मांगती हूं
हर मौसम की बहार अपने साथ ले गया

हर शख्स में मै तो तुझको तलाशती हूं
हर एक चेहरे में तुझको ही देखती हूं
हर रात हर ख्वाब तुमसे ही सज गया है
मेरी नजर का वो नजरिया ही ले गया

आते हैं लोग मुझसे मेरा हाल पूछने
तुम भी तो आओ कभी गुफ्तगू करने
जान लो हमारा तुमबिन हाल क्या हुआ
मेरी हर मर्ज की तू तो दवा भी ले गया

सूनी राहें हर पल आंखे रस्ता देखती हैं
लगता है जैसे राहों का सब शोर ले गया
हर आहट पर ये दिल बेचैन हो उठता है
मेरे दिल का हर सुकून अपने साथ ले गया

सीमा मौर्य शैली
बरेली
उत्तर प्रदेश

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