चलोगे सम्हलकर तो आसान होगी। मुहब्बत की राहों से पहचान होगी।

 

चलोगे सम्हलकर तो आसान होगी।
मुहब्बत की राहों से पहचान होगी।

जे टी न्यूज़

अकेले भटकने की आदत है उसकी,
चतुर चाँदनी किसके दरम्यान होगी।

जवानी के दम पर उसे दौड़ने दो,
इसी तौर औकात अनुमान होगी।

हवा हो गई है समझदार अब तो,
भरोसे पे किसके वो तूफान होगी।

जहाँ पर सुकूँ है वही जिंदगी है,
बिना पानी दरिया तो बेजान होगी।

उठा शोर कैसा है बस्ती से पूजा,
गई क्या किसी की वहाँ जान होगी।

कु.पूजा दुबे सागर म.प्र.

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