मिड डे मील संयुक्त संघर्ष समिति का सरकार एवं विभागीय वार्ता में सहमति के बाद हड़ताल समाप्ति का एलान

मिड डे मील संयुक्त संघर्ष समिति का सरकार एवं विभागीय वार्ता में सहमति के बाद हड़ताल समाप्ति का एलान


जे टी न्यूज़, खगड़िया : मिड डे मील संयुक्त संघर्ष समिति बिहार के आह्वान पर स्कूली रसोइया का अनिश्चितकालीन हड़ताल सरकार के हठी रवैया के कारण सुरु हो गया।इसी बीच कल देर शाम सरकार के साथ सफल वार्ता हो जाने के बाद आज बिहार राज्य मिड डे मील वर्कर्स(रसोइया)यूनियन की जिला स्तरीय आपात बैठक बुलाई गई जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष संजय कुमार ने किया।बैठक को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष संजय कुमार एवं जिला सचिव नीतू देवी ने कहा कि स्कूली रसोइया की हालत काफी दैनीय है।इसका खास कारण है,स्कूलों में पांच घंटे हाड़तोड़ मेहनत के बदले 1650/_ रुपए प्रति माह मानदेय वो भी साल में सिर्फ दस माह।उन्होंने कहा कि रसोइया को 1650 रुपए मानदेय से इस बढ़ती हुई महंगाई में उसके व उसके बच्चे भूखे रहने को विवश है।केन्द्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार रसोइया के प्रति कोई जिम्मेदारी लेने को बिल्कुल तैयार नहीं है।उन्होंने कहा कि पिछले अप्रैल महीने में भी रसोइया ने दो दिन का महापड़ाव मुख्यमंत्री के समक्ष डाला मगर सरकार ने अनदेखी की पुन: 31 अक्टूबर 023 को मुख्यमंत्री के समक्ष पूरे बिहार की रसोइया ने विशाल प्रदर्शन किया।प्रदर्शन के बाद नीतीश सरकार से 7 नवम्बर 023 को वार्ता भी हुई जिसमें कोई निर्णय नहीं निकला,फिर हड़ताल के पूर्व संध्या पर सरकार से कल दोबारा वार्ता हुई जो एक हद तक सफल रहा।तत्काल वार्ता में गैर आर्थिक सभी मांगों को तुरंत लागू करने का पत्र भी सरकार ने जारी कर दिया।आर्थिक सवालों पर भी सरकार ने एक महीने में कोई ठोस सम्मानजनक निर्णय के एलान का भरोसा दिया।वार्ता में जिन मुख्य मांगों पर सहमति बनी उसके मद्देनजर कल देर शाम ही विभागीय अधिकारी के द्वारा चिट्ठी जारी कर दिया गया। मिड डे मील संयुक्त संघर्ष समिति के नेताओं के साथ सरकार के वार्ता में सहमति के बिंदु*झारखंड सरकार के तर्ज पर तत्काल 3000/_ रुपए प्रति माह मानदेय करना साल के बारहो महीना साथ ही हर साल मानदेय में 1000/_ प्रति माह के दर से इजाफा करने पर विमर्श के लिए सरकार ने एक माह का समय मांगा*रसोइया को साल में एक जोड़ी सूती कपड़े के लिए 1500/_ रुपए नगद देना*स्कूलों के अंदर काम पर रसोइया के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति को ध्यान में रखकर उसके इलाज के लिए उसके नाम का कैंप लगाकर आयुष्मान कार्ड तुरन्त बनवाना*रसोइया की मौत के बाद आश्रितों को एक माह के भीतर पारिवारिक आर्थिक लाभ मिलने की गारंटी*प्रत्येक माह मानदेय भुक्तान हर हाल में कर देना*रसोइया को बिना कारण हटाने पर रोक,रसोइया को सौचालय साफ कराने या किचेन के आलवे दूसरे कामों के लिए दवाव पर रोक के सवाल पर एक स्थाई निराकरण कमिटी जिला स्तर पर तुरन्त बनाने की बातों पर सहमति हुई जिस कमिटी में रसोइया का भी एक प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा*वार्ता के दौरान मध्यान भोजन से तुरंत एनजीओ को हटाने के सवाल पर तय हुआ कि तत्काल बिहार के कुछ प्रखंडों में रसोइया को ही बच्चों के हिसाब से सारी सामग्री मुहैया कराकर उन्हें अपनी जिम्मेदारी पर खाना बना कर खिलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी,अगर यह प्रयोग सफल रहा तो पूरे बिहार में इसी प्रयोग को लागू किया

जाएगा*रसोइया को विसेशावकश और आकस्मिक अवकाश पर सरकार ने कुछ ना कुछ सकारात्मक निर्णय का भरोसा दिलाया।दोनों नेताओं ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार और विभागीय अधिकारी के साथ सार्थक वार्ता के बाद तत्काल हड़ताल को वापस ले लिया गया है।वहीं आर्थिक सवालों पर अगर सरकार तय समय सीमा के भीतर कोई सम्मानजनक निर्णय नहीं लेगी तो आगे भी रसोइया के सामने आंदोलन ही एक मात्र रास्ता बचेगा,जिसके लिए हम सब को तैयार रहना है। अंत में दोनों नेताओं ने हड़ताल को सफल बनाने को लेकर भारी तैयारी के लिए सभी रसोइया को अपने चत्तानी एकता प्रदर्शित करने के लिए धन्यवाद दिया।नेताओं ने अपने सभी रसोइया से अपील किया कि कल से वे सभी अपने अपने विद्यालय में मध्यान भोजन के काम में लग जाएं। आज के बैठक में भारी संख्या में रसोइया शामिल हुई,जिसे दोनों नेता के आलावे मीरा देवी, सुरेन्द्र प्रसाद,तारा देवी,अमृता देवी,कुंती साहू,राजेश कुमार,लालबहादुर सिंह,रिंकू देवी,सुनीता देवी,हसीना खातून,अनिता देवी,अरविंद यादव, रूणा देवी,

माला देवी, संगो देवी,ललिता देवी,रीता देवी,मणिकांत पासवान,दिनेश रजक, रेणु देवी,गीता देवी,वीना देवी,सीता देवी,रंजू देवी,नसीमा खातून, असरती खातून,बबलू यादव,नीता देवी,बिमल देवी,शारदा देवी,कृष्णा देवी,रानी देवी,मिंटो देवी, खुशबू कुमारी,लीला देवी,मंजुला देवी,पिंकी देवी,प्रीति देवी,तारा देवी,संजू देवी,किरण देवी,मंगल सिंह,दिनेश कुमार,संजय राम सहित दर्जनों नेताओं ने सम्बोधित किया।

Related Articles

Back to top button