जननायक कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री ने किया अपमान।

जननायक कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री ने किया अपमान।

आर.के. राय

समस्तीपुर:- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर वर्तमान सरकार गत 15 वर्षों से चलाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के समर्थकों को ना केवल धोखा दिया बल्कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के आत्मा को दुखाया है। वहीँ जननायक कर्पूरी ठाकुर के द्वारा स्थापित उच्च विद्यालय रामदुलारी प्रभावती उच्च विद्यालय कर्पूरीग्राम को पूर्व की सरकार ने सरकारी विद्यालय का दर्जा दिया था।

जननायक कर्पूरी ठाकुर ने इस विद्यालय के बाद गोकुल कर्पूरी फुलेश्वरी महाविद्यालय की स्थापना किया था उनकी मृत्यु 17 फरवरी 1988 को हो जाने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव में उनके घर जाने के लिए रास्ता नहीं था।

जिससे सरकारी स्तर जमीन अधिग्रहण कर सड़क निर्माण कराया बाद में 1994 पैतृक घर को स्मृति भवन का दर्जा दिया और एक स्मृति भवन निर्माण कराया। तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने कॉलेज स्थापना में अहम भूमिका निभाया था।

वहीँ लालू प्रसाद ने टाटा समूह के माध्यम से महाविद्यालय का भव्य भवन का निर्माण कराया, जननायक कर्पूरी ठाकुर का मान और सम्मान बढाया।

शरद यादव ने अपने कोटे की राशि उच्च विद्यालय के प्रांगण में प्रतिमा लगाकर जननायक कर्पूरी ठाकुर की मान सम्मान दिया, परंतु नीतीश कुमार ने उनके महाविद्यालय को अधिग्रहण करने की मंशा नहीं रखते है और ना ही उनके नाम पर स्थापित गोकुल कर्पूरी फुलेश्वरी डिग्री महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी को अनुदान भी समय पर नहीं देते हैं। वहीँ गोकुल कपूरी डिग्री महाविद्यालय शिक्षक संघ एवं अध्यक्ष जिला शिक्षक एवं शिक्षक कर्मचारी संघ के हरिप्रसाद एवं कोषाध्यक्ष डॉक्टर दिनेश प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से निवेदन किया है कि इस महाविद्यालय को अधिग्रहण कर जन नायक कपूरी ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि दी जाए। ताकि उनके आत्मा को भी शांति मिले। इस अवसर पर घोषणा कर समस्तीपुर की जनता को भी मान सम्मान बढ़ सके और देश-दुनिया में नाम हों सके।

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