मैथिली के सम्मान के लिए सखीबहिनपा मैदान में

मैथिली के सम्मान के लिए सखीबहिनपा मैदान में

जे टी न्यूज़ ,मधुबनी : दिल्ली का जंतर-मंतर परिसर सखी बहिनपा मैथिलानी समूह के द्वारा “शिक्षा, मीडिया एवं राजकाज की भाषा मैथिली हो” की मांग को लेकर किए जा रहे धरना प्रदर्शन के कारण चर्चा का केंद्र बना रहा।विदित हो कि सखीबहिनपा मैथिलानी समूह देश विदेश में फैली हुई मैथिलानियों की एक रजिस्टर्ड संस्था है ।यह मैथिली भाषा के संरक्षण-संवर्धन के साथ-साथ मिथिला के सामाजिक मुद्दों को महिलाओं को संगठित कर सुलझाने का लक्ष्य लेकर कार्य करती है।यह संस्था जाति एवं धर्म के विभेद को भुलाकर एवं दलगत राजनीति से दूर रहकर मात्र मैथिली भाषा बोलने वाली ,उससे प्रेम करने वाली महिलाओं को ही अपनी सदस्यता प्रदान करती है ।वर्तमान में इस संस्था की देश- विदेश में लगभग 165 इकाई एवं उसमें 40हजार से अधिक महिलाएं सीधे सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं।जिसमें गांव की घरेलू महिला से लेकर इंजीनियर, डाक्टर, उद्यमी,पद्मश्री एवं पद्मभूषण प्राप्त साहित्यकारा,कलाकार, प्रशासनिक सेवा में अधिकारी ,विश्वविद्यालयों में प्राध्यापिका, एवं विभिन्न दफ्तरों में कार्यरत कामकाजी महिलाएं भी शामिल हैं। ज्ञातव्य हो कि सखी बहिनपा द्वारा इससे पहले 13मार्च 2022 में जंतर मंतर पर ,30 अप्रैल2022 में मधुबनी समाहरणालय एवं 25 अगस्त 2022को दरभंगा समाहरणालय पर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन प्राथमिक शिक्षा में,मीडिया में एवं राजकाज में मैथिली को लागू किए जाने की मांग करते कर चुकी हैं।विदित हो कि मैथिली लगभग 7-8करोड़ लोगों की मातृभाषा है एवं यह विश्व के सबसे पुरातन कुछ भाषाओं में से एक है जिसका अपना सुविकसित, वैज्ञानिक स्वरूप वाली लिपि होनेके साथ-साथ इसका विशाल समृद्ध साहित्य भंडार भी है।इतना ही नहीं इसे संविधान की अष्टम अनुसूची,बीपीएससी-यूपीएससी में ऐच्छिक विषय रूप में स्थान भी प्राप्त है।लेकिन इसके बावजूद प्राथमिक शिक्षा में लागू ना होने से मैथिली भाषा लगातार पिछड़ता जा रहा है।जबकि युनेस्को एवं भारत सरकार भी बच्चों के समुचित विकास के लिए मातृभाषा के महत्व को स्वीकारती एवं बढ़ावा देने की बात करती है।लेकिन व्यवहार में इसे लगातार उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है।अतः सखीबहिनपा लगातार प्रतिवेदनों, धरना प्रदर्शनों के माध्यम से इस दिशा में सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश करती रहतीहै।

 

सखीबहिनपा का मानना है कि प्राथमिक शिक्षा में मैथिली भाषा को लागू किए जाने से न सिर्फ बच्चों को विषय को सही तरीके से समझने का मौका मिलेगा बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। सखी बहिनपा मैथिलानी समूह के द्वारा आहूत इस धरना प्रदर्शन में मैथिली भाषा के हित के लिए काम करने वाली लगभग सभी संस्थाओं ने अपना नैतिक समर्थन प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से देने की घोषणा की।इस धरना प्रदर्शन में सखीबहिनपा की दिल्ली एवं आसपास की सखियों के अलावे सैकड़ों की संख्या में अन्य मैथिली भाषी संगठनों के सदस्य भी अपनी उपस्थिति से सरकार पर इनकी मांगों को मनवाने के लिए दबाव बनाने का काम किया। इस धरना प्रदर्शन में मैथिली भाषियों के मांग को स्लोगन एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय, केन्द्रीय शिक्षा,मानवसंसाधन मंत्रालय एवं बिहार सरकार को इस संबध में प्रतिवेदन भी भेजा गया। इस धरना प्रदर्शन को सफल बनाने में एवं शांतिपूर्ण संचालन में संस्था पदाधिकारियों के साथ साथ दिल्ली एनसीआर की सखियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।इसमें उन के परिवार जनों का भी भरपूर सहयोग रहा। सखीबहिनपा का अपने अधिकारों को प्राप्त करने की दिशा में उठाया गया कदम उनके टैग लाइन “मांगी नहि हम अनुकम्पा, सशक्त स्वर हम सखी बहिनपा” को चरितार्थ करता नजर आया।

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