प्रेमा देवी बोथरा की स्मृति में समता भवन में रविवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

प्रेमा देवी बोथरा की स्मृति में समता भवन में रविवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

जैन समाज की वयोवृद्ध महिला प्रेमा देवी नेत्रदान कर फारबिसगंज में इतिहास रची

 

जे टी न्यूज, फारबिसगंज :

नेत्रदान कर फारबिसगंज में इतिहास रचने वाली जैन समाज की वयोवृद्ध महिला प्रेमा देवी बोथरा की स्मृति में स्थानीय समता भवन में रविवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर उपस्थित लोगों द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए पूज्य गुरु आचार्य राम मुनि जी महाराज से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करने एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की विनती की गई।

साधु मार्गी जैन समाज के अध्यक्ष निर्मल सेठिया के द्वारा अध्यक्षता की गई जबकि संचालन संघ के संदीप झावक के द्वारा किया गया इस अवसर पर उपस्थित समाज सेवी दिगंबर जैन समाज के विनोद सरावगी ने अपने शब्दों से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा के बारे में बताया गया कि इनका पूरा परिवार सदैव ही धर्म और समाज के प्रति समर्पित रहा है उनके पति बुलाकी चंद बोथरा जी ने अपने जीवंत काल में धन अर्जन के साथ-साथ समाज सेवा में ख्याति प्राप्त की तो इनके ज्येष्ठ पुत्र प्रदीप बोथरा की पुत्री ने संघ धर्म का अनुपालन करते हुए युवा अवस्था में ही दीक्षा प्राप्त समाज को धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दे रहीं है।

वहीं प्रदीप बोथरा जी की पत्नी के द्वारा संथारा लेकर यह संदेश दिया गया कि मानव को अपने जीवन के अंतिम क्षण में किसी भी प्रकार की मोह माया न रखते हुए भगवान के प्रति समर्पित हो जाने से सहजता से मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। इसके उपरांत आज प्रदीप बोथरा एवं हेमू बोथरा के द्वारा अपने माता श्री के नेत्रदान के जरिए यह संदेश दिया गया की मनुष्य अपने कर्म से मौत को जीवन का अंत नहीं बनाकर दूसरे के जीवन में रोशनी प्रदान कर सकता है। उन्होंने इस कार्य के लिए दधीचि देहदान समिति के जिला अध्यक्ष अजातशत्रु अग्रवाल की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि यह नेत्रदान का कार्य उनकी सकारात्मक पहल एवं अथक परिश्रम के कारण ही संभव हो पाया है। क्योंकि कङाके की ठंड के बावजूद दरभंगा मेडिकल कॉलेज से जो फारबिसगंज से 155 किलोमीटर दूर है की टीम को फारबिसगंज बुलाकर एक नहीं दो-दो नेत्रदान एक रात में पूरा करने का जो पुनीत कार्य किया गया है वह अतुलनीय है और दूसरों के लिए अनुकरणीय भी है। इस अवसर पर जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष निर्मल मरोठी, ब्राह्मण सभा के सचिव पूनम पांडीया, पूर्व मुख्य पार्षद सुनीता जैन आदि ने भी संबोधित करते हुए कहा कि नेत्रदान एक महादान है जो बिरले लोग ही कर पाते हैं।

उन्होंने आशा जताई की एक पखवाड़े पूर्व स्वर्गीय मोहनलाल सेठिया के पुत्र राकेश सेठिया एवं उनकी पुत्रवधू कल्पना सेठिया ने नेत्रदान की जो पहल शुरू की थी उसका सकारात्मक फल यह है की एक साथ प्रेमा देवी बोथरा एवं संतोष गोयल जी के परिजनों के द्वारा भी नेत्रदान का कार्य पूरा कर समाज को एक नई दिशा दी है और यह पहल आने वाले दिनों में एक मुकाम हासिल करेगी। इस अवसर पर प्रमुख रूप से बिहार प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के नगर अध्यक्ष बछराज राखेचा ,ओम डोषी, दिलीप सोनावत, अभय सेठिया, राहुल बोथरा, दीपेश गोलछा, नीरज डोषी, नवीन बोथरा, दीपक झावक, अनामिका झावक, सुमन सोनावत, विद्या पुगलिया, सागर झावक, प्रमिला सोनावत, सुमन सुराणा, ज्योति झावक , सुरेंद्र डागा,

बंटी राखेचा, सुमन डागा, शांतिलाल चिंडालिया, प्रभा सेठिया, कुसुम भंसाली, नीलम बोथरा, मूलचंद गोलछा, धीरेंद्र दुगड, विशाल गोलछा, दिलीप गोलछा ,दीपेश गोलछा, अजय झावक महासभा के उपाध्यक्ष और दधीचि देहदान समिति के जिला अध्यक्ष अजातशत्रु अग्रवाल इंजीनियर आयुष अग्रवाल सहित अन्य गण मान्य नागरिक उपस्थित थे सभा के उपरांत उपस्थित जन समुदाय एवं परिजन ने दादाबाड़ी मंदिर जाकर भगवान के दर्शन किए।

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