विज्ञान,प्रौद्योगिकी और नवाचार के सशक्तिकरण के साथ भारत वैश्विक प्रतिष्ठा वाला देश बन गया है -डॉ. जितेंद्र सिंह

विज्ञान,प्रौद्योगिकी और नवाचार के सशक्तिकरण के साथ भारत वैश्विक प्रतिष्ठा वाला देश बन गया है -डॉ. जितेंद्र सिंह

जे टी न्यूज, फरीदाबाद(विनोद कुमार सिंह) :

विज्ञान,प्रौद्योगिकी और नवाचार के सशक्तिकरण के साथ भारत वैश्विक प्रतिष्ठा वाला देश बन गया है ।आईआईएसएफ 2023 चार दिवसीय समारोह प्रारम्भ हो चुका है।इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में डा0 जितेन्द्र सिंह ‘केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थें। “भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2023 कई अन्य प्रयोजनों के साथ-साथ तीन प्रमुख कारणों से मनाया जा रहा है और ये तीन कारण हैं – पहला, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर भारत के चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग; दूसरा भारत द्वारा कोविड वैक्सीन का विकास और तीसरा, अरोमा मिशन।”।

इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट(टीएचएसटीआई)-रीजनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरसीबी) संयुक्त परिसर, फरीदाबाद में आयोजित आईआईएसएफ 2023 के उद्घाटन समारोह के दौरान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत कम समय में सफल डीएनए वैक्सीन बनाने वाला पहला देश है।अब हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में पांचवें स्थान पर पहुंच गये हैं।भारत विज्ञान,प्रौद्योगिकी और नवाचार के बल पर वैश्विक प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाला देश बन गया है। डा० सिंह ने विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कुछ वर्षों में भारत सरकार द्वारा किए गए पांच क्रांतिकारी निर्णयों पर ध्यान केंद्रित किया,जैसे कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से अंतरिक्ष सुधार, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन,अनुसंधान-नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ), राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति और राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एनईपी)। डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से राष्ट्रीय विकास के लिए, अब हम भारतीय समस्याओं के भारतीय समाधान, भारतीय अनुसंधान के लिए भारतीय डेटा, भारतीय लोगों के लिए भारतीय चिकित्सक और सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।आज आईआईएसएफ 2023 का पहला दिन था। 2015 के बाद से, इस विज्ञान महोत्सव के आठ संस्करणों के बाद,नौवां संस्करण अधिक दिलचस्प है। हर कोई उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर उत्साहित है।आईआईएसएफ आयोजन के मूल उद्देश्य के अनुसार पूरा आयोजन स्थल समाज के हर आयुऔर विभिन्न वर्गों के लोगों से भरा हुआ था। यह “सभी लोगों द्वारा विज्ञान के उत्सवकी भावना” को दर्शाता है। इस वर्ष के IISF की थीम है- “अमृतकाल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सार्वजनिक पहुँच।”

उद्घाटन समारोह के अन्य गणमान्य अतिथियों में श्री मूलचंद शर्मा, कैबिनेटमंत्री,उच्च शिक्षा, परिवहन, खान और भूविज्ञान, और चुनाव,हरियाणा सरकार; प्रो. अजय कुमार सूद,भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार; प्रो. अभय करंदीकर, सचिव, डीएसटी; डॉ. एम. रविचंद्रन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय; डॉ. एन. कलैसेल्वी,सचिव, डीएसआईआर एवं महानिदेशक, सीएसआईआर;डॉ. राजेश एस. गोखले, सचिव, डीबीटी; सुश्री ए. धनलक्ष्मी, संयुक्त सचिव, डीएसटी; शिवकुमार शर्मा, राष्ट्रीय संगठन सचिव, विज्ञान भारती (विभा) ने सहभागिता की। इस

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, डीएसटी सचिव,प्रो. अभय करंदीकर ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव

(आईआईएसएफ) 2023 में 23 देशों से आने वाले सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव देश भर की वैज्ञानिक उपलब्धियों का एक प्रकाशस्तंभ बन गया है। उन्होंने 17-20 जनवरी 2024 तक चार दिनों में होने वाले कार्यक्रमों के संक्षिप्त परिचय के साथ-साथ आईआईएसएफ 2023 के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे युवा विद्यार्थी और शोधकर्ता हमारे देश द्वारा की गई वैज्ञानिक प्रगति से प्रेरित और उत्साहित होते हैं और भारत को वैश्विक रूप से अग्रणी बनाने में योगदान देते हैं।

उद्घाटन सत्र के दौरान, गणमान्य अतिथियों द्वारा आईआईएसएफ प्रोग्राम गाइड व आईआईएसएफ न्यूज़ बुलेटिन के क्षेत्रीय भाषाओं के विशेष संस्करण विमोचित किए गए। ये भाषा संस्करण सात भारतीय भाषाओं (मलयालम, बांग्ला, हरियाणवी, भोजपुरी, हिंदी, मराठी और उर्दू) में प्रकाशित किये गए। सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसन्धान संस्थान (निस्पर) के साइंस मीडिया कम्युनिकेशन सेल (एसएमसीसी) ने आईआईएसएफ न्यूज़ बुलेटिन के इन भाषा संस्करणों को डिजाइन और प्रकाशित किया है।

इस अवसर पर हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि ज्ञान और नवीन विचारों के आदान-प्रदान से देश की प्रगति होती है। भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित ज्ञान साझा करने का एक उपयुक्त मंच है।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद ने कहा कि आईआईएसएफ 2023 का दृष्टिकोण विज्ञान को न केवल किताबों में, बल्कि कई रोचक और बौद्धिक तरीकों से जनता के लिए सुलभ बनाना है।उन्होंने कहा कि आईआईएसएफ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों के साथ अपने आयोजनों और कार्यक्रमों के माध्यम से वैज्ञानिक विषयों की गहरी समझ प्राप्त करने के व्यापक अवसर प्रदान करता है।

 

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